उत्तराखंड के निजी विश्वविद्यालयों में भी होगी एक समान फीस

Last Updated 18 Aug 2017 05:58:42 AM IST

अगर सब कुछ ठीक रहा तो उत्तराखंड के सभी निजी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठय़क्रम की एक समान फीस होगी.




सूबे के निजी विश्वविद्यालयों में भी होगी एक समान फीस

प्रदेश सरकार सभी निजी विश्वविद्यालयों को एक ही विश्वविद्यालय एक्ट के दायरे में लाने की योजना बना रही है.
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों में एक समान फीस हो. इसके लिए सरकार नया शासनादेश लाएगी. अगर एक्ट में संशोधन की जरूरत भी पड़ी तो सरकार उसके लिए भी तैयार है. बता दें कि इस समय प्रदेश में हर निजी विश्वविद्यालय के लिए अलग एक्ट हैं.
बृहस्पतिवार को सचिवालय के सभागार में प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक के बाद उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अगले शैक्षणिक सत्र से फीस नियामक समिति ही निजी विश्वविद्यालयों की फीस भी निर्धारित करेगी. इससे फीस की विषमता खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी निजी विवि ने इस पर पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया है.  इसके पहले हुई बैठक में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं निदेशकों से अपील की कि वे अपना पूर्ण सहयोग सरकारी विश्वविद्यालयों को दें और कम से कम एक सरकारी कॉलेज को गोद लें जिसके लिए उन्होंने एक-एक विश्वविद्यालय में करीब 15-15 लाख धनराशि उपलब्ध कराने को कहा है ताकि सरकारी महाविद्यालय के फर्नीचर, शौचालय, पुस्तकालय सुविधा जुटाने में मदद मिले.

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार द्वारा 100 गरीब छात्र, छात्राओं जिनके परिवार की वाषिर्क आय एक लाख Rs से कम है को पीएचडी कराई जायेगी, इसके लिए भी उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों से भी सहयोग की अपेक्षा की है. उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि वे निजी विश्वविद्यालय में अच्छे प्रोफेसरों को सरकारी विश्वविद्यालय या महाविद्यालयों में छात्रों को पढ़ाने हेतु समय देने की भी मांग की गयी तथा सरकारी वि विद्यालयों के प्रौफेसरों को भी निजी वि विद्यालयों में भेजा जाएगा तथा निजी विश्वविद्यालयों में हो रही एक्टिविटी से रूबरू होंगे.
बैठक में उन्होंने  छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी निजी एवं सरकारी विश्वविद्यालयों में समाधान पोर्टल बनाने के निर्देश दिये. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुपर 100 क्लासेज चलाई जायेंगी जिसमें 50 बच्चों को अल्मोड़ा तथा 50 बच्चों को श्रीनगर में कोचिंग दी जाएगी. इसके लिए गेल कम्पनी द्वारा सहयोग किया जा रहा है, जिसके लिए सरकार द्वारा 10 करोड की धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी.  उन्होंने सभी जनपदों के विश्वविद्यालय एवं डिग्री कालेजों में ई-लाईब्रेरी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने एवं प्रत्येक विश्वविद्यालय को वाईफाई कनेक्टिविटी से भी जोड़ने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 तक उत्तराखंड को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सभी निजी विश्वविद्यालय से पांच-पांच गावों को गोद लेकर पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करने की अपेक्षा की गई है. इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डॉ रणबीर सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ सविता ममगांई एवं निजी वि विद्यालयों के कुलपति एवं निदेशक तथा सम्बन्धित अधिकारी  उपस्थित थे.
एनआईएफटी तैयार करेगा दीक्षांत समारोह की ड्रेस
 देहरादून. प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह की ड्रेस अब एनआईएफटी तैयार करेगा. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए एनआईएफटी की प्रोफेसर भूपिंदर कौर व उपासना भाकुनी को भी बैठक में बुलाया गया था. दीक्षांत समारोह की पोशाक ऐसी होगी कि उसमें उत्तराखंड की संस्कृति की भी झलक हो. उन्होंने बताया कि  प्रदेश के सभी 31 विश्वविद्यालयों के लिए एक ड्रेस कोड लागू करने को कहा गया है जिसके लिए 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की कमेटी गठित की गई है जिसमें छह निजी विश्वविद्यालय तथा पांच सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कमेटी में रखा गया है जो दो माह में ड्रेस कोड चिह्नित करेंगे. सभी निजी विश्वविद्यालयों में 30 सितम्बर 2017 तक अनिवार्य रूप से तिरंगा झण्डा लगाने के निर्देश दिए गए. उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के 122 डिग्री कालेजों में ड्रेस कोड लागू होना है.
माणा में आयोजित होगा पहला ज्ञान कुंभ, राष्ट्रपति को दिया जाएगा न्योता
प्रदेश में पांच ज्ञान कुंभ का आयोजन किया जायेगा. पहला ज्ञान कुंभ बद्रीनाथ के माणा गांव में आयोजित होगा, जिसमें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को भी आमंत्रित किया जायेगा, जिसमें सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों के छात्र, छात्राओं को भी आमंत्रित किया जायेगा. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि  स्थानीय परेड ग्राउंड में 28 अगस्त से 5 सितंबर तक पुस्तक मेला आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश  एवं प्रदेश के बाहर के साहित्यकारों को भी आमंत्रित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पढ़ेगा भारत तो बढ़ेगा भारत की तर्ज पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें सभी विश्वविद्यालयों के 500-1000 बच्चों को प्रतिदिन भाग लेने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले के दौरान नुक्कड़ नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे.

समयलाइव डेस्क


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