उत्तराखंड सरकार ने सालभर में 232 बिछुड़ों को परिजनों से मिलवाया

Last Updated 26 Mar 2017 04:34:32 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने एक मुहिम के तहत पिछले एक साल में 232 बिछुड़ों को उनके परिजनों से मिलाया. इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.


(फाइल फोटो)

समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव मनोज चंद्रन ने बताया कि ये सभी लोग पिछले कई वर्षों से अपनों से दूर नारी निकेतन, मानसिक अस्पतालों और अनाथालयों में रह रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘हमारी कोशिश घरवालों से बिछड़ गये इन लोगों को दोबारा उनसे मिलवाने की रही. अभी तक हम 232 लोगों को उनके घरवालों से मिला चुके हैं’.
    
अधिकारी के अनुसार, इन 232 लोगों में से 38 मानसिक रूप से बीमार थे जिन्हें संबंधित संस्थाओं में भर्ती करवाया गया था. उपचार के बाद ठीक हो चुके थे ज्यादातर लोगों ने अपने घर का पता बताया और लौटने की इच्छा भी जतायी.

हालांकि कई घरवालों ने इन्हें वापस ले जाने की कोई उत्सुकता नहीं दिखायी. हालांकि, राज्य सरकार ने इन लोगों के घरवालों पर संपत्ति में से उनका हिस्सा दिये जाने का दबाव बनाया तो वे लोग इन्हें वापस घर ले गये.
    
चंद्रन ने बताया कि कुछ लोग ऐसे भी थे जो माता-पिता का पता लगते ही उन्हें लेने आ गये. उन्होंने असम की 50 वर्षीय सुभद्रा पतिर का उदाहरण दिया जिनका पुत्र अपनी मां का पता लगते ही उन्हें लेने देहरादून आ गया.
    
चंद्रन ने बताया कि 16 साल पहले असम के एक मानसिक अस्पताल से गायब हुई सुभद्रा दो साल पहले टिहरी में भटकते हुए मिली थी जिन्हें दून के नारी निकेतन में भर्ती करा दिया गया था. उनके परिजनों को ढूंढने के विभाग के प्रयास आखिरकार रंग लाये और मां का पता लगते ही पुत्र दुर्लभ पतिर उन्हें लेने पहुंच गया.

 

भाषा


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