उत्तर भारत में मानसूनी बारिश का कहर जारी, मृतकों की संख्या 138 पहुंची

Last Updated 19 Jun 2013 02:57:57 PM IST

मानसूनी बारिश के चलते आठ और लोगों की मौत के साथ ही उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 138 हो गई है.


उत्तर भारत में मानसूनी बारिश का कहर जारी, मृतकों की संख्या 138 पहुंची

इस बीच, रूद्रप्रयाग और चमोली जिले में फंसे 2700 तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को बाहर निकाला गया है.

उत्तरी क्षेत्र में अधिकतर स्थानों में मौसम साफ होने के कारण राहत कर्मियों के लिए अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिली ,विशेष तौर पर बद्रीनाथ तीर्थ स्थान में ,जहां 12000 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं.

आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने कहा कि चमोली में मंगलवार की देर शाम को केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के बंसीनारायण से ग्रामीणों को आठ और शव मिले. ऐसा लगता है कि ये रविवार को बह गए थे.

चमोली में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार ने कहा कि 1500 तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को घंघरिया, दुआंधार और पुनाला से निकालकर जोशीमठ में राहत शिविर में लाया गया है.

कुमार ने कहा कि मौसम के बेहतर होने से उम्मीद की जा रही है कि शाम तक इन इलाकों में फंसे और अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ में फंसे तीर्थयात्रियों को बाहर निकालना एजेंडे में अगले नंबर पर है जहां 12000 लोग फंसे हुए हैं.

रूद्रप्रयाय में एक अधिकारी ने कहा कि 1200 लोगों को केदारनाथ से बाहर निकाल लिया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित पहुंचाना उनकी प्राथमिकता है क्योंकि शवों को निकालने का काम बाद में किया जा सकता है.

उत्तराखंड में भीषण बारिश और बाढ़ के कारण 110 लोग मारे गए है.

हिमाचल प्रदेश के भारी वर्षा से प्रभावित किन्नौर जिले में बचाव अभियान बुधवार को दूसरे दिन भी जारी है और स्पीति के कजा क्षेत्र और किन्नौर जिले में कई स्थानों में वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर और राज्य सरकार के एक हेलीकॉप्टर को लगाया गया है.

मंगलवार को सांगला घाटी और रेकांग पीयो से 140 लोगों को बाहर निकाला गया और इन्हें रामपुर लाया गया. दूरदर्शन का एक दल और कुछ अन्य पत्रकार भी पूह में फंसे हुए हैं.

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों की सटीक संख्या पता नहीं है लेकिन हमारी प्राथमिकता पर्यटकों और बुजुर्ग एवं बीमार लोगों को बाहर निकालने की है.’’

क्षेत्र में मौसम साफ हुआ है और स्थानीय मौसम विभाग ने 22 जून से और बारिश होने की भविष्यवाणी की है.

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में पिछले 24 घंटे के दौरान बारिश होने की कोई खबर नहीं आई है.

हथिनीकुंड बराज से यमुना नदी में जल प्रवाह में भी कमी आई है और बुधवार दोपहर तक यह 87,137 क्यूसेक दर्ज की गई जबकि कल यह 1.73 लाख क्यूसेक थी.

यहां जल प्रवाह में धीरे धीरे कमी आ रही है क्योंकि इसके जल ग्रहण क्षेत्र में ताजा बारिश नहीं हुई है.

बारिश रूकने बाद राजस्व विभाग के अधिकारी यमुनानगर, करनाल और पानीपत में इससे फसलों को हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं.

पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी से लगे करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद में हाई एलट घोषित कर दिया गया. लेकिन आज स्थिति में सुधार हुआ है.

उत्तरप्रदेश में शरदा नदी पालिया कलां में खतरे के निशान को पार कर गई है और बहराइच जिले में महसी क्षेत्र में 44 गांव के लोगों को दूसरी जगह ले जाने के निर्देश दिये गए हैं.

केंद्रीय जल आयोग के सूत्रों के अनुसार, शारदा, राप्ती, घाघरा, बूढ़ी राप्ती, रोहिन और कुआनो का जलस्तर बढ़ रहा है.

उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों को संवेदनशील जिलों में राहत एचं बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है और समन्वय के लिए एक समूह का भी गठन किया गया है.







 



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