सपा की बनेगी सरकार, ‘वचन पत्र’ पूरा करेंगे : अखिलेश

Last Updated 08 Mar 2022 03:01:31 AM IST

यूपी विधानसभा चुनाव के अंतिम दौर का मतदान सोमवार को खत्म हो गया।


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव

करीब दो महीने चले इस चुनावी महासमर में समाजवादी पार्टी  के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पश्चिमी यूपी  से लेकर पूर्वाचल तक जनसभाओं, रोड-शो और रथयात्रा के जरिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के खिलाफ महंगाई, किसानों की बदहाली, नौजवानों की बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था के हालात, आर्थिक और रोजगार,राज्य के विकास के मुद्दों को लेकर खूब सियासी तीर चलाये। अपने इन सियासी ‘हथियारों’ के जरिए जनता के बीच दी गई ‘परीक्षा’ में अव्वल (सरकार बनाने) आने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त अखिलेश यादव से चुनाव में उनके द्वारा जनता को दिए गए ‘वचन’ (घोषणा पत्र) और सरकार बनने पर उनकी प्राथमिकताओं को लेकर राष्ट्रीय सहारा के विशेष संवाददाता मनमोहन ने बातचीत की। अखिलेश ने कहा, हमारे पास जनता को दिए ‘वचन’ पूरा करने का रोड-मैप है।

पेश है इसी बातचीत के अंश-

विधानसभा चुनाव का मतदान पूरा हो चुका है। विपक्ष में सत्ता के मजबूत दावेदार आप हैं। भाजपा खेमे से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और उनकी कैबिनेट के बड़े-बड़े मंत्रियों ने भी यूपी में पूरी ताकत झोंकी। ऐसा क्या है कि आप अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं?

भाजपा अपना दावा करती है कि डबल इंजन की उसकी सरकार है। ऐसे में भाजपा को जनता के बीच पिछले चुनाव में किए गये संकल्प को रखना चाहिए था कि कितने वादे पूरे किये? भाजपा ने जनता को धोखा दिया। किसानों और नौजवानों से झूठ बोला। आज जनता, किसान और नौजवान अपने को भाजपा द्वारा ठगा महसूस कर रहा है। इस चुनाव में  इन सभी वर्ग ने भाजपा की झूठ की पटरियों को उखाड़ फेंक दिया है। भाजपा का हर वादा जुमला निकला। इन्वेस्टर्स समिट में निवेश प्रस्तावों के जरिए धोखा दिया गया। राज्य में कहीं उद्योग-धंधे, कारखाने नहीं लगे। डिफेंस एक्सपो के नाम पर मिसाइल और तोप बनाने के दावे भी किए गये। मगर यूपी में तोप तो क्या बनेगी माचिस की तीली भी नहीं बना पाई भाजपा सरकार।

सरकार बनने पर आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?

हमने अपने वचन-पत्र में जो कहा है उसका हमारे पास पूरा रोड-मैप है। सभी घोषणाओं को पूरा करने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। राज्य का 6 लाख करोड़ रुपये का अभी बजट है। आगे यह बजट बढ़ेगा। पुरानी पेंशन बहाली को कारप्स फंड से मैनेज करेंगे। 300 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त देने  के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। गरीबों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये तो सरकार खर्च कर ही सकती है। जहां तक शिक्षामित्रों के मानदेय की बात तो पिछली सरकार में 40 हजार रुपये दिया जा रहा था। इसे बढ़ाया जायेगा।

आप मुख्यमंत्री बनें तो राज्य की बेहतरी के लिए आपकी चुनौती क्या होगी?

यूपी के विकास को पटरी पर लाना और राज्य में चिकित्सा, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाएं बढ़ाएंगे। पिछली सरकार में सैफई और लखनऊ में दो प्राथमिक ‘अभिनव’ स्कूल बनाये थे। उसे आगे बढ़ाएंगे।

भाजपा का आरोप है कि कोरोना काल में आप (अखिलेश) घर से नहीं निकले और ट्वीट तक सीमित रहे।

पूर्वाचल, बुंदेलखण्ड और सूबे के अन्य हिस्सों के गरीब मजदूर कोरोना को नहीं भूल सकते हैं। कोरोना में सरकार ने इन गरीबों की कोई मदद नहीं की। हजारों किमी का सफर पैदल तय करने वाले लोगों की तरफ से सरकार ने आंख मूंद ली। मगर समाजवादियों ने दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को हर तरह की मदद की। उसके बाद दूसरी लहर में बीमारी बढ़ी तो अस्पताल में इलाज, दवा और आक्सीजन के लिए लोग तरसे। आक्सीजन के अभाव में जनता ने अपनों की सांस टूटती देखी। श्मशान घाट पर पहुंचने वाली लाशों को टीन लगाकर छिपाने की कोशिश की गई। गंगा में बहती लाशों ने भी भाजपा सरकार की नाकामी उजागर की। इस मंजर को कोई भूल नहीं सकता है।

भाजपा का कहना है कि राज्य में 4.5 लाख लोगों को नौकरी दी गयी। कई करोड़ लोगों को अन्य रोजगार से जोड़ा गया। किसानों की भरपूर मदद की गई है। फिर भी आप इनकी उपेक्षा की बात कह रहे हैं।

भाजपा राज में मंहगाई बढ़ी है। यह सरकार किसानों को खाद नहीं दे पाई। आय दोगुनी करने के नाम पर धोखा दिया। फसल का एमएसपी भी नहीं दिया। नौजवानों को नौकरी देने के नाम पर सरकार ने छला। सरकार संविदा को नौकरी बता रही है। नौकरी निकली तो उसकी परीक्षाएं रद्द होती रहीं। पेपर लीक हुए। सरकार ने 69 हजार शिक्षक भर्ती वाले नौजवानों के साथ आरक्षण में भेदभाव किया। इसके खिलाफ आंदोलन करने पर नौजवानों को सरकार 5 साल तक लाठी से पिटवाती रही। भाजपा ने ‘सबका साथ लिया मगर किया सबका विनाश।’

युवाओं का आप पर भरोसा करने की वजह?

समाजवादी पार्टी ने अपने वचन-पत्र में वे ही वायदे रखे हैं जो पूरे किए जा सकें।  पिछली सरकार में 18 लाख लैपटाप बांटे गये थे। पार्टी की पिछली सरकार का ट्रैक रिकार्ड रहा कि जो कहा उसे पूरा किया। सरकार से रिटायर वरिष्ठ अफसरों और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ विचार मंथन कर ही वचन पत्र तैयार हुआ है। राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों में 11 लाख रिक्त पदों को सरकार बनने पर भरा जायेगा। फौज में भर्ती के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया जायेगा। औद्योगिक क्षेत्र में एमएसएमई सेक्टर को मदद करेंगे। इसके जरिए नौकरी और रोजगार मिलेगा। आईटी सेक्टर को बेहतर कर 22 लाख रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इस क्षेत्र में ट्रेनिंग संस्थाएं खुलेंगी ताकि लोग प्रशिक्षित हो सकें।

आपने सरकार बनने पर किसानों को फसल का एमएसपी देने की लगातार बात की। एमएसपी में केन्द्र सरकार की भूमिका भी रहती है फिर यह कैसे पूरा होगा?

भाजपा आसानी से कोई कार्य नहीं करना चाहती है। भाजपा वाले उद्योगपतियों से मिले हैं। इनकी आपस में सांठगांठ है। यदि भाजपा ईमानदार है तो बताए कि उसे राजनीतिक चंदे के तौर पर कहां से और कितना धन मिला है? सबसे ज्यादा चंदा बाण्ड के रुप में भाजपा को ही मिला है। जहां तक एमएसपी का सवाल है तो हम किसानों को इसे देंगे। सरकार मण्डियों के जरिए किसानों की उपज एमएसपी पर क्रय करेगी। इसके लिए कुछ समय के लिए बजट की व्यवस्था की जायेगी। बाद में उसे केन्द्रीय संस्था एफसीआई को बेचा जायेगा। सरकार बनने के बाद अप्रैल में गेहूं की खरीद से ही एमएसपी को लागू किया जायेगा।

आप कहते हैं ‘नई सपा है नई हवा है’। मगर भाजपा तो सपा को लेकर कुछ और ही आरोप लगाती है?

भाजपा तो सपा को माफिया वाली पार्टी, अपराधियों की पार्टी और गांव की पार्टी बताती रही है। हमें वैकर्वड भी कहा जाता रहा है। मगर इन्हीं वैकवर्डों की पार्टी ने लखनऊ में मेट्रो चलाई। भाजपा पांच साल में मुंशी पुलिया से आगे मेट्रो नहीं बढ़ा सकी। मुख्यमंत्री (योगी) तो अपने शहर गोरखपुर में मेट्रो तक नहीं चला सके। फिर वह (भाजपा) काहे के फार्वड? भाजपा वालों का वश चले तो मेट्रो के पहिए खोल ले जायं। तंज कसते हुए, भाजपा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसे क्वालिटी का एक्सप्रेस वे नहीं बना पाए। पांच साल में पांच एक्सप्रेस-वे बनाने का फरेबी बयान दिया जा रहा है।  उन्हें योगी और संत होकर झूठ नहीं बोलना चाहिए।

भाजपा इस चुनावी लड़ाई को 80 बनाम 20 बताकर फिर सत्ता में लौटने का दावा कर रही है। आप भी सपा गठबंधन सरकार बनने के प्रति आशावान हैं। आखिर आपके दावे की वजह क्या है?

सपा सरकार बनाने जा रही है। हमने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को 400 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया था। सभी ने काफी मेहनत की है। मैं खुद भी पूरे प्रदेश में गया हूं। जनता ने खुद इस चुनाव को जिस तरह से लड़ा है उससे मैं आश्वस्त हूं कि हम 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे। जहां तक 80 बनाम 20 का मुद्दा है तो भाजपा वाले समझ नहीं पाए हैं कि 100 फीसद जनता उनसे नाराज है। जनता की नाराजगी के कारण ही भाजपा के बड़े से बड़े नेताओं को ‘झूठ’ बोलने के लिए यूपी आना पड़ा। इनके नेताओं ने 90 फीसद झूठ बोला। इसका उदाहरण खुद भाजपा के नम्बर दो के नेता (शाह) जिन्होंने कहा, इंटर पास कर 12 वीं में जाने वालों को लैपटाप देंगे, यानि इन्हें लैपटाप देना ही नहीं था।

भाजपा आप पर लगातार परिवारवाद का आरोप लगाती रही?

तल्खी भरे अंदाज में, भाजपा के लोगों को अपना परिवारवाद नहीं दिखता है। मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनकी बुआ (वसुंधरा राजे), बुआ का बेटा क्या है? रक्षामंत्री, उनका बेटा क्या है? पूर्व मुख्यमंत्री  और उनका बेटा क्या है? एक बड़े नेता का बेटा आखिर कहां क्रिकेट खेला और कहां बालिंग की जो क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का सचिव बन गया? बाबा (योगी) के मामा यदि मठ के पीठाधीर नहीं होते तो उन्हें (मुख्यमंत्री)  यह स्थान नहीं मिलता। राजनीति में यदि कोई घोर जातिवादी और परिवारवादी है तो वह भाजपा।

चुनाव में बुलडोजर और गुल्लू का आपने खूब जिक्र किया, इसकी कोई खास वजह?

बाबा सपा और गठबंधन के लोगों को बुलडोजर दिखाकर डराना चाहते थे। मगर वे ‘गुल्लू’  के संग खेलते रहे और जनता ने उनके (भाजपा) खिलाफ इतना वोट डाला है कि उन्हें अब 11 मार्च को मठ में लौट जाना पड़ेगा।

चुनाव के पहले चरण में ही जिन्ना, आतंकवाद, पलायन और हिजाब का मुद्दा भी उठा। आखिर ऐसा क्यों भाजपा ने विकास की बात क्यों नहीं की?

मैं प्रदेश की जनता को बधाई दूंगा कि उसने चुनाव को बुनियादी मुद्दों महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को दूर करने के साथ ही राज्य का विकास देखने के लिए भाजपा के खिलाफ वोट किया। पांच साल में योगी सरकार ने यूपी का कोई विकास नहीं किया। सरकार सिर्फ सपा सरकार की योजनाओं और कामों का नाम व रंग बदलती रही। भाजपा तो नफरत फैलाने और बांटने की राजनीति में ही विश्वास करती है। भाजपा चुनाव को दूसरी दिशा में ले जाना चाहती थी। मगर इस बार जनता इनकी बांटने की राजनीति में नहीं फंसी।

आरोप लगाया जाता है कि सपा सरकार में गुण्डागर्दी बढ़ जाती है। एक वर्ग विशेष के प्रति सरकार का रुख नरमी भरा रहता है?

जवाब-भाजपा राज में महिलाएं असुरक्षित हैं। गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी को पुलिस ने मार डाला। एक आईपीएस दूसरे आईपीएस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है। एक आईपीएस फरार चल रहा है। झांसी में एक युवक को पुलिस ने प्रताड़ित कर मार डाला। ये भाजपा सरकार में कानून का राज है। सरकार बनने पर झांसी में मारे गये युवक के मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी। जहां तक अल्पसंख्यकों का सवाल है तो देश में जब से भाजपा की सरकार बनी है अल्पसंख्यकों में शामिल जैन,बौद्ध, सिख और मुस्लिम सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों से देखेंगे तो भाजपा राज में मुसलमानों के साथ ज्यादा अन्याय हुआ है। मुसलमानों का समाजवादी पार्टी पर भरोसा रहा है। इस बार ऐतिहासिक नतीजे आयेंगे। इस चुनाव में भाजपा से जनता पूरी तरह नाराज है। तभी इनके प्रत्याशी कहीं दण्डवत तो कहीं उठक बैठक करते रहे। एक प्रत्याशी तो जनता की तेल मालिश तक करता दिखा।

अबकी आपने छोटे दलों से गठबंधन किया है। सरकार बनने पर इन दलों की क्या स्थिति रहेगी?

प्रदेश में इन छोटे दलों का अपनी जातियों में प्रभाव है। इनसे गठबंधन करने से समाजवादी पार्टी को चुनाव में काफी लाभ मिला है। सबको साथ लिया है सरकार बनने पर सबको सम्मान मिलेगा।

चुनाव में ‘टोपी’ और ‘साइकिल’ को लेकर भी हमले हुए?

सपा और सहयोगी दलों को जनता के मिले समर्थन पर भाजपा के सबसे बड़े नेता को टोपी पहनने को मजबूर कर दिया। उनकी टोपी का रंग (लाल) हो भी नहीं सकता, क्योंकि ये रंग बदलने वाले हैं।  जहां तक साइकिल को लेकर कही गई बात का सवाल है तो उनकी(मोदी) फोटो जब दिखाई गई तो फिर आवाज रुक गई।

भाजपा ने दो डिप्टी सीएम बनाये। आपकी सरकार बनती है तो क्या कोई डिप्टी सीएम बनेगा?

ये परम्परा गलत है। हमारे गठबंधन के दल पूरी ईमानदारी से साथ हैं।



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