उप्र चुनाव : पहले चरण के 20 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले

Last Updated 05 Feb 2017 06:40:29 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लगभग 20 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस सूची में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शीर्ष पर है, जिसके 40 फीसदी नेता ऐसे मामलों का सामना कर रहे हैं.


(फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 फरवरी को 73 सीटों पर मत डाले जाएंगे.

चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखने वाली स्वयंसेवी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 38 फीसदी प्रत्याशियों, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के 33 फीसदी, समाजवादी पार्टी (सपा) के 29 फीसदी और कांग्रेस के 25 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को सौंपे अपने हलफनामों में कुल 168 प्रत्याशियों ने माना है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 143 ने अपने खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के साथ अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज होने की बात को कबूल किया है. संगीन आपराधिक मामलों में बसपा (36 फीसदी) पहले स्थान पर, भाजपा (30 फीसदी) दूसरे पर और सपा व रालोद (26 फीसदी) तीसरे स्थान पर हैं.

एडीआर ने पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 98 राजनीतिक दलों के कुल 839 में से 836 प्रत्याशियों के हलफनामे का अध्ययन किया है. 98 राजनीतिक पार्टियों में 5 राष्ट्रीय दल, 8 राज्य स्तरीय दल, 85 गैरमान्यता प्राप्त दल हैं और 293 निर्दलीय शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 15 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं, जबकि 42 के खिलाफ हत्या के प्रयास, 2 के खिलाफ अपहरण और 5 के खिलाफ महिलाओं से दुष्कर्म, छेड़छाड़ व हमले के मामले दर्ज हैं.



एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 फीसदी प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग को सौंपे अपने हलफनामे में अपनी कुल सम्पत्ति को 1 करोड़ रुपये से अधिक बताया है. कांग्रेस के आगरा से प्रत्याशी नजीर अहमद शीर्ष पर हैं, जिन्होंने अपनी कुल सम्पत्ति 211 करोड़ रुपये बतायी है. धनी प्रत्याशियों की सूची में बसपा सबसे ऊपर है. उसके 90 फीसदी प्रत्याशियों ने 1 करोड़ से अधिक सम्पत्ति बताई है, जबकि भाजपा के 84 फीसदी प्रत्याशी, सपा के 78 फीसदी प्रत्याशी और कांग्रेस के 75 फीसदी प्रत्याशी ने 1 करोड़ से अधिक सम्पत्ति का खुलासा किया है.

एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 22 फीसदी प्रत्याशियों ने पैन का विवरण नहीं दिया है जबकि 52 फीसदी ने अपना आयकर विवरण नहीं दिया है.

आईएएनएस


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