मुलायम सिंह यादव बोले, न सपा का नाम बदलेंगे और न सिंबल
समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिशें अब भी जारी हैं. पार्टी में एकजुटता के प्रयासों की कड़ी में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह पार्टी को एकजुट रखना चाहते हैं और इसे टूटने नहीं देंगे.
![]() मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव |
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह साइकिल को रखना चाहते हैं.
मुलायम ने लखनऊ में सपा के प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैंने सपा का गठन आपातकाल के दौरान किया था तब अखिलेश यादव महज दो साल के थे.
उन्होंने कहा, मैंने और शिवपाल ने संघर्ष से पार्टी खड़ी की. मैंने गरीबी में जीवन बिताया. इमरजेंसी देखी और पार्टी को बनाने के लिए लाठियां खायीं.
इस दौरान मुलायम के भाई शिवपाल यादव उनके करीब खड़े थे.
मुलायम ने कहा कि कार्यकर्ताओं और जनता पर पूरा भरोसा है कि पार्टी को टूटने नहीं देंगे. समाजवादी पार्टी का ना तो नाम बदलेंगे और ना ही चिह्न बदलेंगे. हम पार्टी को एक रखना चाहते हैं और साइकिल भी रखना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, अब मैं दिल्ली जा रहा हूं साइकिल को बचाने की पूरी कोशिश करूंगा.
रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए मुलायम ने कहा कि हमने पार्टी की एकता के लिए समय दिया है. हम इसे टूटने नहीं देंगे. सपा की एकता में कोई रुकावट नहीं बन सकता. रामगोपाल यादव अलग पार्टी बना रहे हैं. वह तीन बार दूसरी पार्टियों के अध्यक्षों से मिल चुके हैं.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं और अगले मुख्यमंत्री भी होंगे. साथ ही उन्होंने अखिलेश से कहा, ‘‘आप ऐसे लोगों के पास क्यों जा रहे हो, जिन्होंने फंसाया है. किसी विवाद में मत पड़ना. हम किसी भी कीमत पर पार्टी की एकता चाहते हैं.’’
मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप हमारा सहयोग करें और समर्थन करें. यही वायदा कर दें कि आप हमारे साथ रहेंगे और पार्टी को बचाएंगे. हम पार्टी को बचाना चाहते हैं और यही कहना चाहते हैं कि हमारी सपा और हमारी साइकिल बची रहे.
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘‘अब क्या बचा मेरे पास. कुछ नहीं बचा. आपने (कार्यकर्ता) सही बोला. जो मेरे पास था, पूरा का पूरा दे दिया. अब मेरे पास क्या है.. मेरे पास आप लोग हैं. मेरे पास कार्यकर्ता है, जिसने संघर्ष किया. मेरे पास जनता है जिसने समर्थन दिया. जनता की बदौलत आज हम यहां हैं और तब नेता बने हैं.’’
मुलायम ने कहा कि पार्टी को बनाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है, तकलीफें झेली हैं. उन्होंने 1977 की इमरजेंसी देखी है. ‘‘हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी की एकता में बाधा ना पड़े. बहुत संघर्ष से सपा खड़ी हुई है.’’
मुलायम ने कार्यकर्ताओं और जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने ही दो-दो जगह से उन्हें (लोकसभा) चुनाव लड़ाया और दोनों जगह भारी बहुमत से जिताया.
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