सीएम योगी ने की ‘गोमती पुनर्जीवन मिशन’ की घोषणा
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘गोमती नदी पुनर्जीवन मिशन’ की औपचारिक घोषणा की।
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उन्होंने कहा कि गोमती केवल एक जलधारा नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की संस्कृति, आस्था और जीवन की प्रतीक है।
पीलीभीत से गाजीपुर तक प्रवाहित गोमती को स्वच्छ, अविरल और निर्मल बनाने के लिए यह ऐतिहासिक मिशन शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीलीभीत से गाजीपुर तक प्रवाहित गोमती केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना, आध्यात्मिक विरासत और जीवनधारा की प्रतीक है।
बयान के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोमती का पुनर्जीवन केवल जल शुद्धिकरण का नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और पर्यावरण के पुनर्संवर्धन का व्यापक अभियान है। यह मिशन पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और भावी पीढियों के प्रति हमारी साझा प्रतिज्ञा का प्रतीक बनेगा।
टेरिटोरियल आर्मी की पहल पर आयोजित एक बैठक में मेजर जनरल सलिल सेठ, ब्रिगेडियर नवतेज सिंह सोहल, ब्रिगेडियर सी. माधवाल, कर्नल अरविन्द एस. प्रसाद, ले. कर्नल सचिन राणा, ले.कर्नल सौरभ मेहरोत्रा, मेजर के.एस. नेगी, प्रो. (डॉ.) वेंकटेश दत्ता, ले. कर्नल हेम लोहुमी, एस.एम. (सेवानिवृत्त) के साथ-साथ शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।
बैठक में मुख्यमंत्री ने मिशन की विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक परियोजना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की सहभागिता से चलने वाली एक जन-आंदोलनात्मक पहल होगी। उन्होंने कहा कि गोमती में एक भी बूंद सीवरेज न गिरे, इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नदी किनारे बसी अवैध बस्तियों में घुसपैठियों की पहचान कर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।
मिशन का दायरा पीलीभीत से गाजीपुर तक गोमती नदी के संपूर्ण प्रवाह क्षेत्र को कवर करेगा, जिससे गोमती अपने पूरे विस्तार में स्वच्छ, अविरल और निर्मल रूप पुन: प्राप्त कर सके।
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