राहुल गांधी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका, सिख टिप्पणी मामले में पुनरीक्षण याचिका खारिज

Last Updated 26 Sep 2025 03:23:34 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। गांधी ने वाराणसी के विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फाइल फोटो)

यह मामला गांधी द्वारा अमेरिका में सिखों के संबंध में 2024 में दिए गए एक बयान से जुड़ा है।

राहुल गांधी द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति समीर जैन ने तीन सितंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि निर्णय सुनाए जाने तक, विशेष न्यायाधीश के आदेश पर रोक रहेगी।

विशेष न्यायाधीश (सांसद-विधायक) ने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका को नए सिरे से सुनवाई करने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की अदालत के पास भेज दिया था। इसी आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने उच्च न्यायालय का रुख किया था

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने दलील दी कि प्रतिवादी द्वारा दाखिल अपील में इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि किस तिथि को राहुल गांधी द्वारा बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि जब तक आवेदन में संपूर्ण बयान का उल्लेख नहीं किया जाता, यह नहीं कहा जा सकता कि किस संदर्भ में गांधी द्वारा वह बात कही गई? उन्होंने कहा कि इसके अलावा निचली अदालतों ने इस बात भी विचार नहीं किया कि इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया क्या कोई मामला बनता है।

वहीं, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है या नहीं, इस प्रश्न पर यह मुद्दा उठता है कि इस पर विचार उच्च न्यायालय को करना है या संबंधित मजिस्ट्रेट को। उन्होंने कहा यह एक ऐसा बयान है जो प्रतिपक्ष के नेता द्वारा विदेश की भूमि पर भारत के खिलाफ दिया गया और यह जांच का विषय है। इसके अलावा यह स्वीकार किया गया है कि उन्होंने (गांधी) यह बयान दिया।

गोयल ने कहा, आज की तिथि तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है, इसलिए यह मजिस्ट्रेट पर निर्भर करेगा कि वह मामले में क्या राय बनाते हैं।

उल्लेखनीय है कि वाराणसी के नागेश्वर मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने वाराणसी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक) के समक्ष एक आवेदन किया था। अदालत ने 28 नवंबर, 2024 को इस मामले में सुनवाई के बाद राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की के अनुरोध वाले आवेदन को खारिज कर दिया था।

अदालत ने कहा था कि उक्त भाषण अमेरिका में दिया गया, इसलिए यह मामला उनके न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है।

अदालत द्वारा मामला खारिज किए जाने को नागेश्वर मिश्रा ने पुनरीक्षण अदालत के समक्ष चुनौती दी जिसने उनकी पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली और एसीजेएम को इस मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया।

यह मामला सितंबर, 2024 का है। अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है। उनके इस बयान को लेकर विरोध हुआ था और इसे भड़काऊ और विभाजनकारी बताया गया था।

वाराणसी के निवासी नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान के खिलाफ वाराणसी के सारनाथ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन जब वह सफल नहीं हुए तो उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अदालत में एक आवेदन दाखिल किया जिसे अदालत द्वारा 28 नवंबर, 2024 को खारिज कर दिया गया।

इसके बाद, नागेश्वर मिश्रा ने सत्र अदालत में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसे अदालत द्वारा 21 जुलाई, 2025 को स्वीकार कर लिया गया।

गांधी ने इस निर्णय के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसमें दलील दी गई कि वाराणसी की अदालत का आदेश गलत, अवैध और न्यायिक क्षेत्र से बाहर का है।

 

भाषा
प्रयागराज


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