कानपुर शहर की बदलेगी तस्वीर, लोगों को मिलेगी सुगम यातायात व्यवस्था और खूबसूरत सड़कें
कानपुर वासियों को बहुत जल्दी ही सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त होने जा रही है। इसके लिए शहर की पांच प्रमुख सड़कों का अपग्रेडेशन किया जा रहा है।
![]() कानपुर शहर की बदलेगी तस्वीर |
एक विशेष योजना के तहत सड़कों का चौड़ीकरण होगा, फुटपाथ बनेंगे, अतिक्रमण हटेगा और इसके साथ-साथ ग्रीनबेल्ट भी विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बहुचर्चित सीएम ग्रिड योजना से इन सड़कों को वित्तपोषित किया जाएगा। ऐसा करने से कार्य करने में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। बतौर विभागीय अधिकारी अगले वित्त वर्ष में भी शहर की पांच सड़कों को सीएम ग्रिड से अपग्रेडेशन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम ग्रिड योजना का उद्देश्य शहर के बीच नवीन ग्रिड पद्धति से ऐसी सड़कों का निर्माण करना है,जिससे यातायात व्यवस्था सुगम हो सके, साथ ही साथ शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो सकें। 16777 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए लगभग 1,79,767 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।
घंटाघर चौराहे से ग्रीनपार्क चौराहे तक,एनएच-19 से नमक फैक्ट्री होते हुए हमीरपुर रोड तक,बर्रा बाईपास कर्रही रोड से हमीरपुर मुख्य मार्ग मेट्रो लाइन तक, बाबा कुटी चौराहे से सोटे वाले मंदिर होकर अलंकार गेस्ट हाउस तक। इसके अलावा बगिया क्रासिंग कल्याणपुर से केसा ऑफिस तक की सड़क का भी निर्माण शामिल है। नगर निगम अभियंता दिवाकर भाष्कर ने बताया कि इनमें से दो सड़कों का काम पूरा हो चुका है। आगामी 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ऑनलाइन लोकार्पण भी कर सकते हैं। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि शहर के 17 किलोमीटर क्षेत्र को फुटपाथ और ग्रीनबेल्ट अतिक्रमण से मुक्त कराया जा चुका है। उस जगह पर ग्रीनबेल्ट विकसित किया जा चुका है। इसके साथ ग्रीनबेल्ट कवरेज बढ़ाने के लिए निरंतर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है।
नगर आयुक्त ने यह भी बताया कि साढ़े तीन लाख प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त कर दो करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी वसूला गया है। नगर निगम के मुख्य अभियंता एसएफए जैदी ने बताया कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुईं सड़कों को एक सप्ताह के भीतर गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा। कुल 151 किलोमीटर सडकों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 65 किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त किया जा चुका है। बाकी की बची सड़कों को भी बहुत जल्दी गड्ढामुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कहीं भी कूड़ा फेंकने की आदत की वजह से लोगबाग नगरनिगमकर्मियों की भी मुश्किलें बढ़ा देते हैं। नतीजा यह होता है कि जहां कूड़ा फेंकने की जगह नहीं है, वहां भी लोग कूड़ा फेंक देते हैं। नगर निगम ने ऐसे तीन सौ ज्यादा स्थानों को चिन्हित कर वहां साफ-सफाई करा दी गई है। यही नहीं उन स्थानों पर इंटरलॉकिंग कराकर, आस-पास की दीवारों पर पेंटिंग करा दी गई है।
अब आलम यह है कि जिन जगहों पर लोग कूड़ा फेंकते थे, वहां लोग शाम-सवेरे बैठकर आराम फरमाते हैं। इसके अलावा निगम समय-समय पर विशेष सफाई अभियान भी चलाता है। वर्ष 2021 में 172 घंटे तक नॉनस्टॉप सफाई अभियान चलाया गया था, जिसके लिए कानपुर नगर निगम का नाम इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ था। 2022 में इसी काम के लिए निगम का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। उस समय वह अभियान 186 घंटे तक चला था। 2023 में भी अभियान चलाया गया, जो नॉनस्टॉप 207 घंटे तक चला। उस अभियान के लिए निगम का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। इसके अलावा निगम के खाते में और भी ढेर सारी उपलब्धियां दर्ज हैं। वर्ष 2023 में 75 जनपद,75 घंटे,750 निकाय, अभियान के अंतर्गत 258 जीवीपी( गारबेज वॉलनरेबल पॉइंट) विलोपित करने के लिए उत्तर प्रदेश में द्वितीय स्थान हासिल हुआ था। नगर निगम की स्वच्छता श्रेणी प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल हुआ था। इसके अलावा 2023 में गार्बेज फ्री सिटी में 3 स्टार मिला था। वर्ष 2022-23 में ओडीएफ प्लस-प्लस का खिताब मिला था। 2022 में स्वच्छता सर्वेक्षण में इनोवेशन एंड बेस्ट प्रेक्टिसेस के अंतर्गत अवार्ड प्राप्त हुआ था। बतौर अधिकारी हाल ही में महात्मा गाँधी की जयंती पर 251 तक कूड़ा उठाने का अभियान चलाया गया जो पांच अक्टूबर को समाप्त हुआ। नगर निगम ने कूड़ा उठाने सड़कों की मरम्मत करने के साथ-साथ लोगों के सेहत का भी ख्याल रखता है। इसीलिए शहर के पार्कों में 250 से ज्यादा ओपेन जिम बनाए गए हैं। जिसमें उत्तम किस्म की इक्यूपमेंट लगाए गए हैं। यहां कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई मासिक किराया नहीं है।
नगर निगम ने महानगर के चारों तरफ प्रवेश द्वार बनाने और उनके आसपास सौंदर्यीकरण कार्य कराने का भी बीड़ा उठाया है। इसके तहत पहले चरण में जाजमऊ प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। इसके लिये आकर्षक प्रवेश द्वार बनाने के साथ ही उससे सटी 2.2 किलोमीटर तक की सड़़क का चौड़़ीकरण कराया जा रहा है। वहां ग्रीनबेल्ट विकसित की जा रही है‚ फुटपाथ बनाये जा रहे हैं और वेडिंग जोन भी बनाया जा रहा है। नगर आयुक्त स्वयं इसकी नियमित मॉनीटरिंग कर रहे हैं। अन्य तीनों प्रवेश द्वारों भौंती‚ चकेरी और गंगा बैराज पर भी सौंदर्यीकरण के कार्य चल रहे हैं। नगर आयुक्त के निर्देश हैं कि अन्य द्वार भी जल्द से जल्द पूर्ण किये जायें। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण के लिये शहर की जितनी भी प्रमुख सड़़कें हैं उन सभी के दोनों तरफ पौधे लगवाये जायें‚ रोड़ डि़वाइड़रों के बीच में पौधे लगाये जायें और शहर के भीतर भी ग्रीन बेल्ट का कवरेज बढ़ाया जाये। बताते चलें कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार कानपुर आगमन पर कहा था कि लखनऊ से कानपुर आने पर जाजमऊ पुल के आसपास की दशा देखकर आगन्तुक के मन में कानपुर को लेकर अच्छी फीलिंग नहीं आती और खराब छवि बनती है। इसलिए कानपुर के प्रवेश द्वार आकर्षक बनाये जाने चाहियें। उसी के बाद चारों तरफ आकर्षक प्रवेश द्वार बनाने की कवायद शुरू की गयी थी।
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