राम मंदिर निर्माण पर अब तक खर्च हुए 900 करोड़ रुपये : चंपत राय

Last Updated 08 Oct 2023 02:34:31 PM IST

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर 5 फरवरी, 2020 से 31 मार्च, 2023 के बीच 900 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।


Ram temple

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर 5 फरवरी, 2020 से 31 मार्च, 2023 के बीच 900 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है।

राय ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट के बैंक खातों में अभी भी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

राय ने बताया कि शनिवार को ट्रस्ट की बैठक में कुल 18 बिंदुओं पर चर्चा हुई। इनमें विदेशी मुद्रा में दान लेने की कानूनी प्रक्रिया भी शामिल थी। ट्रस्ट ने एफसीआरए के तहत विदेशी योगदान की अनुमति के लिए आवेदन किया है। राय ने कहा कि सरयू तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय एक कानूनी ट्रस्ट होगा और वहां राम मंदिर का 500 साल का इतिहास और 50 साल के कानूनी दस्तावेज रखे जाएंगे। प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक धार्मिक समिति का गठन किया गया है। पैनल रामानंदी परंपरा के अनुसार भगवान के श्रृंगार, कपड़े और देवता की पूजा पद्धति पर निर्णय लेगा।

पैनल में नृत्य गोपाल दास, गोविंद देवगिरी, तेजावर स्वामी, चंपत राय, अनिल मिश्रा और अयोध्या के रामानंद परंपरा के चार संत शामिल होंगे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने एक पखवाड़े पहले बताया था कि 22 जनवरी को संभावित रूप से आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश भर के करीब 10,000 गणमान्य लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

राय ने कहा कि राम जन्मभूमि पर आने वाले प्रत्येक आगंतुक को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीरें वितरित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि लक्ष्य रखा गया है कि विराजमान भगवान राम की तस्वीर दो साल के भीतर 10 करोड़ घरों तक पहुंच जाए। राय ने कहा कि एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के 5 लाख गांवों में पूजित अक्षत (पूजा किया हुआ चावल) बांटा जाएगा। उन्होंने कहा कि अक्षत से विभिन्न इलाकों के मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी।

उन्होंने बताया कि अभिषेक समारोह से पहले भगवान राम के सामने चावलों की पूजा की जाएगी और पूजित चावल पूरे भारत में बांटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत भर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता अक्षत को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक धार्मिक समिति का गठन किया गया है।

 

अर्चना श्री
नई दिल्ली


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