UP: अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन पर वरुण गांधी ने डिप्टी CM को लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने व्यापक और निष्पक्ष जांच के बिना अमेठी के संजय गांधी अस्पताल का परिचालन लाइसेंस निलंबित करने पर गहरी नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा है।
![]() उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी (फाइल फोटो) |
वरुण गांधी ने शुक्रवार को ब्रजेश पाठक को लिखे गए पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्हें टैग कर शेयर करते हुए पोस्ट कर कहा, "गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं। जबकि जवाबदेही महत्वपूर्ण है, यह जरूरी है कि स्पष्टता और निष्पक्षता के सिद्धांतों को बरकरार रखा जाए। उत्तर प्रदेश सरकार को मेरा पत्र आदरपूर्वक इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करता है।"
वरुण गांधी ने पाठक को लिखे अपने पत्र में लिखा, "मैं यह पत्र आपको हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के परिचालन लाइसेंस के निलंबन के संबंध में गहरी चिंता के साथ लिख रहा हूं। इस अस्पताल का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1982 में किया था। यह कई दशकों तक अमेठी और इसके पड़ोसी जिलों में लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सहायता के एक दृढ़ स्तंभ के रूप में खड़ा रहा है। यह संस्थान वर्षों से कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, सामान्य सर्जरी और स्त्री रोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यक और बेहतर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। इसके लाइसेंस को निलंबित करने के निर्णय का क्षेत्र की स्वास्थ्य देखभाल पहुंच, रोजगार और शिक्षा पर दूरगामी असर पड़ेगा। इस बात पर जोर देना जरूरी है कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सैकड़ों लोग संजय गांधी अस्पताल पर निर्भर हैं। अमेठी और इसके आसपास के जिलों से यहां हर दिन सैकड़ों लोग परामर्श, निदान और उपचार के लिए आते हैं। अस्पताल के लाइसेंस निलंबन से क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण शून्य पैदा हो जाएगा, जिसका हमारे नागरिकों की भलाई पर गहरा प्रभाव पड़ेगा ।अपनी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के साथ यह अस्पताल एक महत्वपूर्ण नियोक्ता के रूप में भी कार्य करता रहा है। इस संस्थान से करीब 450 समर्पित कर्मचारियों के साथ हजारों अन्य लोग जुड़े हैं। इन सबकी आजीविका इस संस्थान के निरंतर संचालन पर निर्भर करती है। संस्थान के लाइसेंस निलंबन से न केवल स्वास्थ्य सेवा पहुंच खतरे में पड़ गई है, बल्कि इससे जुड़े लोगों और उनके परिवारों के जीवन और आजीविका पर भी संकट आ गया है। इसके अलावा यह अस्पताल सालाना 600 नर्सिंग और 200 पैरामेडिक छात्रों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में सराहनीय भूमिका निभाता है।"
The swift suspension of the Sanjay Gandhi Hospital's license in Amethi, without a thorough investigation, is an injustice to all individuals who depend on the institution not only for primary healthcare services but also for their livelihoods.
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 22, 2023
While accountability is crucial, it… pic.twitter.com/9TJNcrIkvd
वरुण ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए आगे लिखा, "स्पष्टीकरण का कोई अवसर दिए बिना अस्पताल के लाइसेंस को एकतरफा निलंबित करना चिंता पैदा करता है, क्योंकि यह निर्णय स्वास्थ्य देखभाल पहुंच, आजीविका और शैक्षिक निरंतरता को प्रभावित करता है। कथित चिकित्सीय लापरवाही से जुड़ी हालिया घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए इस मामले को आनुपातिकता और निष्पक्षता की भावना से देखना आवश्यक है। व्यापक और निष्पक्ष जांच की अनुमति दिए बिना पूरे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करना जल्दबाजी और संभावित अन्यायपूर्ण कार्रवाई प्रतीत होती है। एक विस्तृत मूल कारण विश्लेषण (आरसीए) के साथ उसके निष्कर्षो को किसी अन्य दूसरी घटना को रोकने के लिए पूरे अस्पताल पर लागू करना अनुचित होगा।"
निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए भाजपा सांसद ने आगे लिखा, "मैं आपसे निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार करने, निष्पक्ष जांच शुरू करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं ताकि यह अस्पताल नौकरियों और शैक्षिक अवसरों की सुरक्षा के साथ समाज के लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना जारी रख सके।"
आपको बता दें कि, अमेठी संसदीय क्षेत्र कई दशकों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है। वरुण गांधी के पिता संजय गांधी भी यहां से सांसद रह चुके हैं। राजीव गांधी और राहुल गांधी भी अमेठी से कई बार सांसद रह चुके हैं। लेकिन 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को चुनाव हरा दिया था।
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