उमेश पाल हत्याकांड : गैंगस्टर अतीक की प्रयागराज में फिर से होगी पूछताछ
गैंगस्टर अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड के मामले में एक बार फिर से उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम के साथ साबरमती सेंट्रल जेल से यूपी के प्रयागराज लाया जा रहा है।
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गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को लेकर पुलिस की एक टीम बुधवार दोपहर प्रयागराज पहुंचेगी। अतीक को लेकर चार वाहनों का काफिला मंगलवार को अहमदाबाद के साबरमती जेल से यूपी की ओर रवाना हुआ था।
रास्ते में माफिया अतीक अहमद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि साबरमती जेल में मुझे बहुत परेशान किया जा रहा है। उसने अपने को निर्दोष बताते हुए कहा कि मैंने वहां से कोई फोन नहीं किया, वहां पर जैमर लगे हुए हैं। मैंने जेल से कोई साजिश नहीं रची। मैं 6 साल से जेल में हूं। मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो चुका है।
दो सप्ताह के भीतर यह दूसरी बार है जब अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा है।
इससे पहले प्रयागराज पुलिस की 22 सदस्यीय टीम उसे एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश करने के लिए 27 मार्च को शहर लाई थी।
राजस्थान के बूंदी में भी अतीक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उमेश पाल हत्याकांड के बारे में कुछ पता नहीं। उसन कहा-मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। मैं जेल में था, मुझे इसके बारे में क्या पता?
#WATCH मेरा परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गया...मैं जेल में था, मुझे इसके बारे में क्या पता?: उमेश पाल हत्याकांड मामले पर माफिया अतीक अहमद, बूंदी, राजस्थान pic.twitter.com/t1AAuPLO8S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2023
इससे पहले, अहमद को 26 मार्च को court में पेश करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस अहमदाबाद से प्रयागराज ले गई थी। court ने 28 मार्च को अहमद और दो अन्य को 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गैंगस्टर अहमद ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 2006 में उमेश पाल का अपहरण कर लिया था और उन्हें अपने पक्ष में Court में बयान देने के लिए मजबूर किया था।
सजा सुनाए जाने के बाद 60 वर्षीय उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और लोकसभा सदस्य को 29 मार्च को गुजरात के जेल में वापस भेज दिया गया था।
अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने अहमद को जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण की साजिश रचने का आरोप लगाने के बाद अप्रैल 2019 में गुजरात की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। पुलिस के अनुसार, हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में अहमद का नाम लिया गया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के एक विधायक राजू पाल की 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें अहमद कथित तौर पर शामिल था। इस हत्या के मामले में एक प्रमुख गवाह उमेश पाल की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई थी।
अहमद ने सुरक्षा के लिए पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, यह दावा करते हुए कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में झूठा आरोपी बनाया गया है, और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है।
अपनी याचिका में अहमद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही थी और आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है।
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