Raju Pal murder case : शूटर अब्दुल कवि ने CBI अदालत में किया आत्मसमर्पण
इलाहाबाद के चर्चित राजू पाल हत्याकांड (Raju Pal murder case) के आरोपी एवं शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को लखनऊ की सीबीआई अदालत की न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
![]() अतीक अहमद के सहयोगी अब्दुल कवि का लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण |
जिसके बाद अदालत ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद सात अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
पत्रावली के अनुसार अब्दुल कवि विवेचना के दौरान सीबीआई (CBI) की पकड़ से बाहर था। सीबीआई ने इस मामले में 10 आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया है। चार्जशीट में अब्दुल कवि को फरार दिखाया गया है जिसके कारण गत वर्ष 23 मार्च को उसकी पत्रावली अन्य अभियुक्तों से अलग की गई थी तथा उसकी हाजिरी के लिए नियमित गिरफ्तारी वारंट 15 जुलाई 2022 को जारी किया गया था।
इसके बावजूद सीबीआई जब उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी तब न्यायालय ने 17 दिसंबर 2022 को उसके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट के साथ-साथ भगोड़ा घोषित किए जाने का आदेश जारी किया था। इसी क्रम में उसे 16 फरवरी 2023 को अदालत ने फरार घोषित कर दिया।
अदालत ने अब्दुल कवि के बैंक अकाउंट को फरारी के चलते 10 मार्च 2023 को सीज किए जाने का आदेश दिया था। इस मामले में अन्य आरोपितों के विरुद्ध सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कविता मिश्रा की अदालत में गवाही चल रही है जहां पर गवाह मंगल पाल की गवाही दर्ज की गई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आगामी 13 अप्रैल की तिथि नियत की है।
घटनाक्रम के अनुसार 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस गोलाबारी में देवी पाल एवं संदीप यादव की भी मौत हो गई थी तथा दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना की रिपोर्ट मृतक विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में दर्ज कराई थी। जिसमें अतीक अहमद एवं उसके भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम को नामजद किया गया था।
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