यूपी के मेडिकल कॉलेजों में 30 प्रतिशत फैकल्टी की कमी

Last Updated 25 Nov 2022 05:54:55 PM IST

उत्तर प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर समेत 30 प्रतिशत रिक्तियों के साथ संचालित किए जा रहे हैं।


यूपी के मेडिकल कॉलेजों में 30 प्रतिशत फैकल्टी की कमी

मेडिकल एजुकेशन विभाग के मुताबिक, कुल 1 हजार 489 कर्मचारियों में 936 नियमित फैकल्टी और 553 संविदा कर्मचारी हैं। जिसका मतलब है कि 640 पद खाली हैं। मेडिकल एजुकेशन विभाग के सचिव आलोक कुमार ने कहा है कि फैकल्टी पदों को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है। कई बार होता क्या है कि संविदा कर्मचारी नोटिस देकर चले जाते हैं और कई बार वे एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में शिफ्ट हो जाते हैं। यदि बांदा में कार्यरत किसी शिक्षक को उसके गृह नगर बदायूं में पद मिल जाता है तो बांदा में पद खाली हो जाएगा, जबकि शिक्षक अभी भी सरकारी लिस्ट में है।

उन्होंने बताया कि मेडिकल शिक्षकों की नई नियुक्ति एक निरंतर प्रक्रिया है जहां एकेडमिक को सुचारू रखने के लिए नियमित और संविदा दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है। सचिव ने आगे बताया हमने अंडरग्रेजुएट और पीजी मेडिकल सीटों की संख्या में बढ़ोतरी की है। अगले कुछ वर्षों में इस पहल का प्रभाव राज्य के अधिक कॉलेजों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध फैकल्टी की जरूरी संख्या के साथ देखा जाएगा।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए फैकल्टी सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और इसकी कमी छात्रों के लिए परेशानी की वजह बनती है। विभिन्न विभागों के लिए कुल 257 पदों में सबसे ज्यादा 117 पद गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में रिक्त हैं।

आईएएनएस
लखनऊ


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