वैश्विक स्तर पर गोरखपुर के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, होगी नई पहचान

Last Updated 08 Aug 2022 02:02:28 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर अगले पांच वर्षों मे पर्यटन में वैश्विक स्तर पर चमकेगा।


गोरखपुर

यहां स्थित नैसर्गिक झील रामगढ़ताल की खूबसूरती निहारने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं तो रोमांचक जल क्रीड़ाओं के आनंद लेने पहुंच रहे लोगों की संख्या भी कम नहीं है। इस शहर की ऐतिहासिकता, देश की प्रमुख पीठों में शामिल गोरक्षपीठ, सौ साल से सस्ती धार्मिक एवं नैतिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए पूरी दुनिया में बेमिसाल गीता प्रेस सर्वविदित है। भौगोलिक रूप से बुद्धिस्ट सर्किट (कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती) के बीचोबीच स्थिति गोरखपुर को ये खासियतें और खास बना रहीं हैं। गोरखपुर में पर्यटन के लिहाज से खासी संभावनाएं हैं। इसी को ध्यान में रखकर पर्यटन विभाग ने अगले पांच वर्षों में जिन पांच शहरों को वैश्विक स्तर की सुविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य रखा है, उसमें गोरखपुर भी शामिल है।

पर्यटन विभाग ने इसको वैश्विक स्तर का बनाने का लक्ष्य रखा है। अर्थात आने वाले समय में ग्लोबल मैप पर गोरखपुर की चमक होगी।

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर और मकर संक्रांति पर्व पर एक माह तक चलने वाले खिचड़ी मेले की महत्ता प्रसिद्ध है। बावजूद इसके, लंबे समय तक गोरखनाथ मंदिर के अलावा और कोई ऐसी जगह नहीं दिख रही थी जहां सैलानियों को लुभाया जा सके। हालांकि अनेक ऐसे स्थान थे, जो पर्यटन विकास की संभावनाओं से भरपूर थे। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को आगे बढ़ाना शुरू किया।

गोरखपुर का मरीन ड्राइव एवं जूही चौपाटी है। रामगढ़ताल को वर्तमान में गोरखपुर का मरीन ड्राइव और जुड़ी चौपाटी कहते हैं। 1700 एकड़ में फैला य़ह वही रामगढ़ताल है, जो कभी गंदगी के लिए पहचाना जाता था। अब इसकी खूबसूती लोगों को आकर्षित कर रही है। लेक व्यू पॉइंट, नौकायन केंद्र, सेल्फी पॉइंट जैसे स्थल इसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। साउंड एंड लाइट शो सैलानियों को आकर्षित कर रहा है। नावों की सवारी, डबल डेकर बोट और कयाकिंग का आनंद मिल रहा है। यहां क्रूज और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा भी जल्दी ही मिलने जा रही है। सी प्लेन सेवा की कार्य योजना भी आगे बढ़ चुकी है। इसके अलावा य़ह अब एडवेंचर एवं वाटर स्पोर्ट्स का हब बन रहा है। यहां पूरे प्रदेश के लिए एक सार्वजनिक क्षेत्र का वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी बना है।

इतना ही नहीं, यहां ज्ञान एवं मनोरंजन का केंद्र चिड़ियाघर बनकर तैयार हो चुका है। संयोग से चिड़ियाघर और रामगढ़ताल, दोनों शहर के दक्षिणी छोर पर हैं। ऐसे में सरकार ने उत्तरी छोर को भी पर्यटन के दृष्टि से चमकाने का निर्णय लिया है। शहर के उत्तरी छोर पर स्थित चिलुआताल आने वाले समय में रामगढ़ताल को टक्कर देगा। देश-विदेश के सैलानियों को लुभाने में चिलुआताल, रामगढ़ताल से पीछे नहीं रहेगा। इसकी कार्य योजना भी तैयार है। प्रथम चरण का काम भी शुरू है।

प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने कहा कि राप्ती और रोहिन के संगम पर बसा गोरखपुर प्राचीन काल से ऐतिहासिक महत्व का शहर है। बौद्धिस्ट सर्किट के बीचोबीच होने के कारण पर्यटन के लिहाज से इसका अन्तर्राष्ट्रीय महत्व हो जाता है। शहर की इन्हीं खूबियों के मद्देनजर विभाग ने अगले पांच साल में इसे अन्तराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से संतृप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस बाबत काम भी जारी है।

आईएएनएस
गोरखपुर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment