हिंदू महासभा ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद की 'शुद्धिकरण' की मांग वाली याचिका दायर की
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कानूनी लड़ाई के बीच श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद का एक और भूमि विवाद मथुरा में सामने आ रहा है।
![]() श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद |
हिंदू महासभा ने सोमवार को शाही ईदगाह मस्जिद के 'शुद्धिकरण' की मांग के लिए दीवानी अदालत में याचिका दायर की। याचिका पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी। शाही ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बगल में स्थित है।
हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने याचिका में दावा किया है कि ईदगाह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मभूमि के गर्भगृह पर बनी है। उन्होंने प्राचीन मंदिर के विवादित स्थल पर 'अभिषेक' और भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए शाही ईदगाह मस्जिद में प्रवेश करने की अनुमति मांगी है।
दिनेश शर्मा ने कहा, "उन्होंने पहले हमारे मंदिरों पर तलवारों से हमला किया, लेकिन अब हम प्राचीन विरासत को वापस ले लेंगे। हम चाहते हैं कि मस्जिद हटा दी जाए और हिंदुओं का स्वाभिमान बहाल हो।"
इससे पहले कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका को स्वीकार कर लिया। निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई 26 मई को होगी। याचिका में 2.37 एकड़ जमीन जारी करने की मांग की गई है, जिस पर शाही ईदगाह मस्जिद है।
विवाद में 13.37 एकड़ भूमि का स्वामित्व शामिल है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह भूमि देवता भगवान श्रीकृष्ण की है। शाही ईदगाह मस्जिद कुल 13.37 एकड़ जमीन में से 2.37 एकड़ में बनी है।
शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के सचिव तनवीर अहमद ने कहा, "जब मामला सुनवाई के लिए आएगा, तो हम अपना पक्ष रखेंगे। दीवानी अदालत पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का आकलन नहीं कर रही है या विचार करने में सक्षम नहीं है। देश का कानून सबके लिए बराबर है।"
उन्होंने कहा, "मथुरा में इससे अधिक सामंजस्यपूर्ण दृश्य नहीं हो सकता कि एक तरफ ईदगाह है और दूसरी तरफ श्रीकृष्ण मंदिर है। हिंदू मंदिर में पूजा करते हैं, जबकि मुसलमान मस्जिद में नमाज अदा करते हैं। कोई समस्या नहीं है।"
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