विकास दुबे के एनकाउंटर पर बोले अखिलेश- कार नहीं पलटी, सरकार पलटने से बचाई गई है

Last Updated 10 Jul 2020 09:48:36 AM IST

उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्टवांटेड अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को पुलिस अभिरक्षा में मुठभेड़ के दौरान हुई मौत पर सवाल खड़े करते हुए विपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उस वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सवाल उठाए हैं, जिसमें विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया गया था।

अखिलेश यादव ने ट्वीट में लिखा, "दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है।"

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट किया, "जिसका अंदेशा था वहीं हो गया, कानपुर कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अगर मुंह खोलता तो कई बड़े नेता और अफसर नहीं रहते अपना मुंह खोलने लायक! कोई तो बड़ा शख्स है, इसके पीछे जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने सच्चाई बताता उससे पहले बंद कर दी गयी वो जुबान।"

कानपुर पुलिस पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया, "विकास दुबे जो कि 5 लाख रुपए का वांछित अभियुक्त है। उसे उज्जैन से कानपुर गिरफ्तार कर लाया जा रहा था। तभी कानपुर के भौंती के पास पुलिस का वाहन दुर्घटना होकर पलट गया। जिसमें उसमें बैठे अभियुक्त और पुलिसकर्मी घायल हो गये। इसी दौरान विकास दुबे पुलिस कर्मी की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस टीम ने उसका पीछा करके आत्मसमर्पण के लिए कहा किन्तु वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा। पुलिस ने भी आत्मरक्षा के लिए जवाबी फायरिंग की जिसमें वह घायल हो गया। इजाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गयी।"

कानपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर देशभर में सुर्खियों में आया उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मिला था। छह दिन की तलाश के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जिस कुख्यात अपराधी को लेकर कई राज्यों की पुलिस अलर्ट थी, उसकी गिरफ्तारी उतनी ही नाटकीय ढंग से हुई।

मालूम हो कि कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में गत शुक्रवार (2-3 जुलाई की रात) को विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी। इस दौरान कुख्यात विकास और उसके साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सीओ, एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
 

वार्ता/आईएएनएस
लखनऊ


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