उत्तर प्रदेश में चीन के खिलाफ दिखा आक्रोश, जगह-जगह पुतले फूंके गए
लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने की घटना के विरोध में प्रदेश की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक आक्रोश देखने को मिला है। लोगों ने जगह-जगह चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका।
उत्तर प्रदेश में चीन के खिलाफ आक्रोश |
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने गोंडा में चीन का पुतला फूंका। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने चीनी समानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। रायबरेली में भी बुधवार दोपहर बाद शहर के व्यापारियों ने यूनियन बैंक चौराहे पर इकट्ठा होकर चीन के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि चीन हमेशा से धोखेबाज रहा है, और उसके सामानों का मोह त्यागना होगा। अब चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाएगा।
वाराणसी में लोग चीन की इस कायराना हरकत से गुस्से में हैं। व्यापारी जगत और काशीवासियों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। विशाल भारत संस्थान के सामाजिक कार्यकर्ताओं और बच्चों ने इन्द्रेश नगर लमही के सुभाष भवन के सामने चीन का पुतला फूंककर आक्रोश जताया। दीपावली पर सजने वाले चीनी झालर को भी आग के हवाले कर दिया गया।
आगरा में राष्ट्रीय हिंदू परिषद (भारत) ने प्रतापपुरा चौराहा पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला फूंककर विरोध प्रकट किया। चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई, उसे गद्दार बताया गया। संस्था के पदाधिकारी गोविंद पराशर ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन का सामान किसी भी ट्रांसपोर्ट पर नहीं उतरने देंगे।
लखीमपुर में हिन्दू जागरण मंच ने चीन का झंडा जलाकर विरोध प्रदर्शन किया, और लद्दाख में शहीद हुए सैनिकों को मौन रहकर श्रद्घांजलि अर्पित की। हिन्दू जागरण मंच ने देश की जनता से अपील की है कि चीन के सामानों का अजीवन बहिष्कार करें।
सीतापुर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लालबाग चौराहे पर चीनी उत्पादों को जलाकर विरोध जताया। केंद्र सरकार से चीनी उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सपा जिलाध्यक्ष क्षत्रपाल सिंह यादव ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारतीय बाजार पर आश्रित है। इसलिए चीन पर आर्थिक प्रहार किया जाना आवश्यक हो गया है। तभी चीन की दबंगई पर अंकुश लगेगा।
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