उप्र : 7.50 लाख श्रमिकों को रोजगार देने की रणनीति बना रही योगी सरकार

Last Updated 28 May 2020 08:33:11 PM IST

दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को रोजगार देने की रणनीति पर योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पांच लाख एमएसएमई और 2.50 लाख रियल एस्टेट के माध्यम से रोजगार देने की तैयारी हो रही है।


रोजगार देने की रणनीति बना रही योगी सरकार

इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही एआईआई (इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) और नरडेको (राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद, उप्र) के बीच शीघ्र ही समझौता होने जा रहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, ये दोनों संस्थाएं एमएसएमई इकाइयों और अन्य उद्योगों तक पहुंच बनाएंगी। रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट और एमएसएमई सेक्टर में किस तरह के श्रमिकों की कितनी मांग है, इसका आंकलन व श्रेणीकरण करेंगी। फिर स्किल मैपिंग डेटा बैंक के रिकॉर्ड से श्रमिकों व कामगारों को रोजगार दिलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन के बीच दूसरे प्रदेशों में फंसे श्रमिकों को योगी सरकार लगातार वापस ला रही है। साथ ही सभी को क्षमता अनुरूप रोजगार उपलबध कराने का वादा भी सरकार ने किया है, जिसके लिए सरकार सभी प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की स्किल मैपिंग भी करा रही है। सरकार का उद्देश्य है कि उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुसार मानव संसाधन उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही कुशल, अकुशल और अर्धकुशल श्रमिकों को रोजगार दिलाया जा सके।

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, श्रमिकों के प्रशिक्षण भत्ता की व्यवस्था भी कराई जाएगी। दोनों संस्थाएं हर माह एमएसएमई इकाइयों-उद्योगों में कार्यरत मजदूरों का ट्रैक रिकॉर्ड मेंटेन करेंगी। इसे प्रदेश सरकार के साथ साझा भी करेगी। इन समझौतों में कोई भी संशोधन दोनों पक्षों की आपसी सहमति से लिखित रूप से ही किया जाएगा।

सरकार और आईआईए के बीच श्रमिकों और कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए एक समझौता हुआ है। समझौते के अनुसार प्रदेश में अपने व्यापक नेटवर्क के जरिए संस्था साल भर में कम से कम पांच लाख श्रमिकों को विनिर्माण (कंस्ट्रक्सन) और सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर) में स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराएगी।

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर हुए लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेश से कितने श्रमिक किन जिलों में लौटे, उनका नाम, पता, शैक्षिक योग्यता, अनुभव, कौशल आदि का विवरण भी संस्था सरकार को उपलब्ध कराएगी। कौशल वृद्घि में ये संस्थाएं कौशल विकास के तहत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की भी मदद ले सकेंगी।

सरकार के अनुसार, औद्योगिक समूहों व उद्यमियों द्वारा यूपी सरकार के स्किल मैपिंग डेटा बैंक से अब तक पांच लाख श्रमिक और कामगार मांगे गए हैं। उद्योगों को हर तरह की मदद देने में जुटे मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि औद्योगिक संस्थानों में तेजी से काम शुरू कराएं, श्रमिकों एवं कामगारों की सप्लाई चेन को क्लियर कराने के साथ ही बाकी सरकारी सहूलियतों में उद्यमियों को पूरा सहयोग दें।

आईएएनएस
लखनऊ


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