अदिति सिंह बोलीं, मेरा ट्विटर हैंडल इतना महत्वपूर्ण क्यों?
कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने आखिरकार गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस से अलग होने पर अपनी चुप्पी तोड़ दी।
विधायक अदिति सिंह (फाइल फोटो) |
उन्होंने कहा, "दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। लोगों को प्रवासी श्रमिकों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि मेरे ट्विटर हैंडल पर क्या हो रहा है। मैं इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहती क्योंकि यह मेरे और लोगों के लिए अहम नहीं है।"
उन्होंने अपनी भविष्य की योजना पर बोलने से से इनकार कर दिया और कहा, "यह संकट का समय है और मैं इससे आगे जाकर बात नहीं करूंगी।"
अदिति ने बुधवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का नाम हटाते हुए अपना ट्विटर प्रोफाइल बदल दिया था। वह अब 'अदितिसिंहआरबीएल' है जहां आरबीएल का मतलब रायबरेली से है।
अदिति के प्रोफाइल पर अब लिखा है, "विधायक रायबरेली सदर, उत्तर प्रदेश। मास्टर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज, ड्यूक यूनिवर्सिटी। हमेशा से आयुर्वेद, योग और प्लांट बेस्ड लिविंग की प्रैक्टिशनर बनने की कोशिश कर रही हूं।"
गौरतलब है कि भाजपा में जाने से ठीक पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी आईएनसी को सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल से हटा दिया था।
अदिति, पिछले साल सितंबर से पार्टी लाइन को धता बताकर अपने बागी रुख को जाहिर करती रही हैं।
उन्होंने कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का उस समय स्वागत किया जब कांग्रेस इस कदम का विरोध कर रही थी। यहां तक कि अक्टूबर में उत्तर प्रदेश में एक विशेष विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए वह फिर पार्टी लाइन के परे गई थीं।
अदिति समय-समय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करती रही हैं।
अटकलें लगाई जा रही हैं कि अदिति जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकती हैं और उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में रायबरेली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
अदिति कांग्रेस के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की बेटी हैं जिनका पिछले साल अगस्त में लंबे समय तक कैंसर से जूझने के बाद निधन हो गया था।
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