लोककल्याण के लिए योगी ने किया अपने मठ में रुद्राभिषेक

Last Updated 23 May 2020 01:46:30 PM IST

गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में शनिवार की सुबह मंदिर में श्रद्धा और विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक किया। इस दौरान उन्होंने देवाधि देव भगवान शिव से कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही संपूर्ण विश्व के कल्याण कल्याण, उद्धार, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

मंदिर से जुड़े हुए कार्यकर्ता ने बताया कि शनिवार को तड़के स्नान-ध्यान के बाद वह मठ से निकले। गुरु गोरखनाथ और अखण्ड ज्योति का पूजन कर दर्शन किया। उसके बाद उन्होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। मंदिर परिसर के भ्रमण के दौरान करीब 30 मिनट का समय उन्होंने गौशाला में बिताया। गायों और उनके बच्चों को दुलारा। उनको गुड़ और चारा खिलाया। कर्मचारियों को गौशाला की बेहतर साफ-सफाई का निर्देश दिया। दो महीने बाद अपने मालिक को पाकर कालू की खुशी देखने लायक थी।

राजधर्म के लिए पहली बार दो महीने अपने मठ से दूर रहे गोरक्षपीठाधीश्वर

मालूम हो कि मुख्यमंत्री दो माह के बाद दोपहर बाद गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने मठ पहुंचे थे। गोरक्षपीठाधीश्वर का दायित्व संभालने के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि वह लगातार दो महीने अपनी पीठ (गोरक्षनाथ), मठ और अपनों से दूर रहे। इसके पहले अपने पूज्य गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के इलाज और बतौर सांसद एक-दो बार विदेश प्रवास के दौरान ही ऐसा हुआ है पर यह अंतराल भी तीन से चार हफ्तों का ही रहा होगा।

रूटीन में वह संसद के सत्रों में हर रविवार को अधिकांश ट्रेन से दिल्ली के लिए जाते थे और सप्ताहांत में गोरखपुर लौट आते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी नियमित अंतराल पर उनका गोरखपुर आना-जाना होता रहा है।

पहली बार कोरोना के अभूतपूर्व वैश्विक संकट के दौरान ऐसा हुआ कि वह दो माह बाद गोरखपुर स्थित अपने मठ पर गये। इस दौरान अपने पिता की अंत्येष्टि में न जाकर उन्होंने मिसाल दी कि संकट के समय राजधर्म का पालन क्या होता है। ऐसे में एक बड़े परिवार के मुखिया का क्या दायित्व होता है।

वह 22 मई को दोपहर बाद अचानक गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का पूरी तरह अनुपालन किया। बाहर के जो लोग उनके आने पर अक्सर उनके इर्द-गिर्द होते थे। इस बार उन्हें नहीं आने दिया गया। आते ही उन्होंने तुरंत कोरोना के संक्रमण से बचाव, संक्रमित लोगों के इलाज, प्रवासी मजदूरों की वापसी, दक्षता के अनुसार उनको दिये जाने वाले रोजगार, कम्यूनिटी किचन, क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था, प्रवासी श्रमिकों और लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए दिये जाने वाले भरण-पोषण (1000 रुपये) राशन, नये राशन कार्डों की प्रगति आदि के बारे में संबंधित अधिकारियों से चर्चा की और जरूरी निर्देश भी दिये।

वहां चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा की। साथ ही महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय के पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की। उनसे लॉकडाउन के बीच विद्यालयों में शिक्षण कार्यों और चिकित्सालयों में मरीजों की देखभाल की जानकारी ली। साथ ही निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की प्रगति के बारे में भी जाना। बारी-बारी देर रात तक इन बैठकों का सिलसिला जारी रहा। इसके बाद वे लखनऊ वापस चले गए।

आईएएनएस
लखनऊ


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment