'विपत्ति का कारण' थीं उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारें: योगी

Last Updated 26 Feb 2020 04:43:46 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों को 'विपत्ति का कारण' बताते हुए बुधवार को कहा कि इन सरकारों द्वारा संकुचित दायरे में रखे जाने का दुष्परिणाम इस प्रदेश को भुगतना पड़ा है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

योगी ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये पेश बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह अत्यंत संतुलित और प्रदेश के विकास को गति देने वाला बजट है।  

उन्होंने कहा कि इस बजट में भारत के प्राचीन दर्शन का मार्गदर्शन भी है। हम नेकनीयती के कारण पांच लाख 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट लेकर गये हैं। पिछले तीन साल के दौरान हर क्षेत्र में नयापन देखने को मिला है। सही मायने में बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का प्रतीक है।  

योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला करते हुए कहा, ‘‘पिछली सरकारें विपत्ति का कारण थी। उनके अंदर विकास के लिये सकारात्मक सोच नहीं थी। उनमें नकारात्मकता, संकीर्णता और स्वार्थ था। स्वाभाविक रूप से ऐसे में परमार्थ नहीं होगा। पिछली सरकारों ने संकुचित दायरे में रखा जिसका परिणाम प्रदेश को भुगतना पड़ा।  

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में 23 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के लिये बजट केवल तीन लाख करोड़ रूपये का था। विभागों को बहुत कम राशि मिलती थी। इसलिये बिजली, सड़कें और सिंचाई की सुविधाएं नहीं थीं। हमने समाज के हर तबके को देखकर योजनाएं बनायी हैं। कोई नहीं कह सकता कि हमने कोई भेदभाव किया है। सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानवतावाद को अपने इस बजट का आधार बनाया है।  

योगी ने अपने बजट भाषण के दौरान बीच-बीच में विपक्ष को निशाने पर बनाये रखा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साल ऐतिहासिक कुम्भ का आयोजन कराया मगर वर्ष 2013 में (सपा सरकार के शासनकाल) जो कुम्भ गया होगा वह गाली देकर जरूर आया होगा।  

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय का औसत राष्ट्रीय औसत का लगभग आधा है। वर्ष 1947 से प्रतिव्यक्ति आय लगातार क्यों घटती गयी। लोगों को केवल झूठे नारों में उलझाया गया और पूरे प्रदेश के बारे में खराब नजरिया बनाया गया।  

योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिक पाठशालाओं के बच्चों को बैग, किताबें, जूते-मोजे और स्वेटर दिये जाने का जिक्र करते हुए पिछली सरकारों पर कटाक्ष किया और कहा कि भीषण ठंड से गरीब का बच्चा क्यों मरेगा.. उसे स्वेटर दिया जाना चाहिये था। आपने सोचा कि गरीब का बच्चा पढ़ जाएगा तो आपका सिंहासन डोल जाएगा। हम विकास की बात करेंगे मगर वे (विपक्ष) जाति की बात करेंगे। हम सुरक्षा और प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास की बात करते हैं तो वे जाति की बात करेंगे।  

उन्होंने कहा कि काम करने के लिये संवेदनशीलता और विजन चाहिये, जो पहले की सरकारों में नहीं था।  

योगी ने कहा कि पिछले 40 सालों से प्रदेश के 38 जिलों में इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत हो रही थी। मरने वालों में 90 प्रतिशत बच्चे दलित और आदिवासी समुदाय से थे। तब भी आप हमको गरीब विरोधी कहते हैं।  

उन्होंने दावा किया कि इंसेफेलाइटिस विगत वर्ष तक 56 फीसद कम कर चुके हैं। मौतों को 86 प्रतिशत से भी अधिक नीचे ला चुके हैं। एक मार्च से संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिये विशेष अभियान चल रहा है।

 

भाषा
लखनऊ


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