सीएए के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट

Last Updated 26 Feb 2020 12:04:51 PM IST

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा से उत्तर प्रदेश सरकार भी सतर्क हो गई है। प्रशासन की दिल्ली की सीमा से सटे जिलों पर खास नजर है।


सूत्रों के अनुसार, इसके लिए मुख्यालय से कई वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है, जो सुरक्षा प्रबंधन संभालेंगे। इसके अलावा कई स्थानों पर एहतियात के तौर पर पीएसी को तैनात कर दिया गया है।

खुफिया एजेंसियों ने उत्तरप्रदेश समेत कुछ राज्यों में विरोध प्रदर्शन, हिंसा भड़कने की आशंका जताई है। इसी के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की गई है। पड़ोसी राज्यों में भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

सीएए को लेकर प्रदेश के लखनऊ, फिरोजाबाद, बागपत, मेरठ और अलीगढ़ सहित कई जिलों में हिंसा हो चुकी है और कई जिलों में अभी भी प्रदर्शन चल रहे हैं। इसी बीच इस मुद्दे पर दिल्ली में दंगा भड़क गया। दिल्ली सीमा से सटे नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और बुलंदशहर के अलावा संवेदनशील अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और संभल को लेकर उत्तरप्रदेश शासन ने पहले ही तैयारी कर ली है।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेशचंद्र अवस्थी ने बताया, "उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शांति है, फिर भी दिल्ली बॉर्डर वाले जिलों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी भेजे गए हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे। साथ ही अतिरिक्त फोर्स के रूप में पीएसी भेज दी गई है। राजधानी लखनऊ में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है।"

वहीं लखनऊ के पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे ने बताया, "लखनऊ के घंटाघर इलाके में और अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जहां पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सीएए के खिलाफ महिलाएं धरना-प्रदर्शन कर रही हैं।"

गौरतलब है कि सीएए को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में मंगलवार को फिर हिंसा भड़क गई, जहां उपद्रवियों ने पथराव किया, दुकानों में तोड़फोड़ के साथ-साथ गोलीबारी और आगजनी की। कई इलाकों में हालात बेकाबू हो गए, जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया। हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल समेत 18 लोगों की मौत हो चुकी है और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत कई लोग घायल हैं।

आईएएनएस
लखनऊ


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