फर्जी रुप से भारत में रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को सजा

Last Updated 16 Jan 2020 06:06:03 PM IST

उत्तर प्रदेश की एटीएस ने वर्ष 2017 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से गिरफ्तार किये तीन बांग्लादेशी को विशेष अदालत ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है।




उत्तर प्रदेश की एटीएस

एटीएस प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में अवैध रूप से बिना वीजा एवं पासपोर्ट के ही प्रवेश कर मदरसा तामिल कुरान, बन्हेड़ाखास, देवबन्द, सहरानपुर, भारत में निवास कर रहे थे। भारत से फरार होते समय इन आरोपियों को अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस से लखनऊ जंक्शन पर गिरफ्तार किया गया था। इन का सम्बन्ध बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारुल बांग्ला टीम से भी था।

उन्होंने बताया कि एसटीएस ने इस मामले में 11 नवम्बर 2017 को भारतीय दण्ड विधान की धारा-420, 467, 468, 120बी व 18/19 यूपी(पी) कानून के एटीएस थाना लखनऊ दर्ज किया गया था। एटीएस द्वारा प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त मुकदमें की सघन पैरवी की और सभी तथ्यों को न्यायलय के समक्ष मजबूती से रखा गया। आज इस मुकदमें में न्यायालय, विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) द्वारा तीन अभियुक्तों मो. फिरदौस, इमरान और फरीदुद्दीन को न्यायलय ने धारा-420 के लिए 2-2 वर्ष का साधारण कारावास एवं 5-5 हार रूपये जुर्माना,धारा 467- के लिए 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास और 5-5 हार जुर्माना, धारा-468 भादवि के लिए 4-4 वर्ष वर्ष का सश्रम कारावास व 5-5 हार रुपये जुर्माना, धारा-120(बी) भादवि के लिए 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2-2 हार  जुर्माना, धारा-14 विदेशी अधिनियम के लिए 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास व 2-2 हार जुर्माने से दण्डित किया गया।

कारावास की सजा एक साथ चलेगी और जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में प्रत्येक धाराओं में 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।

इस प्रकार अलग-अलग धाराओं में विशेष न्यायधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने 5-5 वर्ष के कारावास एवं 19,000 रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया है।  

 

गौरतलब है तीनों आरोपी पन्थापाड़ा सुट्टी घाता, जिला जसौर विभाग खुलना, बांग्लादेश के रहने वाले हैं और मदरसा तालिमुल कुरान, बनेड़ा खास, देवबन्द, सहारनपुर में अवैध रुप से रहते थे।

वार्ता
लखनऊ


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