अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा कड़ी सुरक्षा के बीच कल होगी शुरू

Last Updated 04 Nov 2019 05:41:40 PM IST

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में कल मंलवार सुबह से चौदह कोसी परिक्रमा शुरू हो रही है और इसके लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं।


चौबीस घंटे चलने वाली यह चौदह कोसी परिक्रमा पांच नवम्बर को सुबह छह बजकर पांच मिनट से शुरू होगी। जो छह नवम्बर सुबह सात बजकर उन्चास मिनट पर समाप्त होगी। मान्यताओं के मुताबिक बड़ी परिक्रमा अर्थात् चौदह कोसी परिक्रमा का सीधा सम्बन्ध मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के चौदह वर्ष के वनवास से है।

किवदंतियों के अनुसार श्रीराम के चौदह वर्ष के वनवास से अपने को जोड़ते हुए अयोध्यावासी हर साल एक कोसी परिक्रमा कर चौदह वर्ष के लिये चौदह कोस परिक्रमा पूरी की। इसके आधार पर यह परम्परा बन गयी। इस परम्परा का निर्वाहन करते हुए आज भी कार्तिक की अमावस्या अर्थात् दीपावली के नवें दिन दूरदराज से लाखों श्रद्धालु यहां आकर चौदह कोस के एक निर्धारित मार्ग पर अयोध्या व फैजाबाद नगर के चारों तरफ नंगे पांव पैदल चलकर अपनी-अपनी परिक्रमा पूरी करते हैं।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन शुरू होने वाले इस परिक्रमा के लिये श्रद्धालु ग्रामीण अंचलों से एक दिन पहले  ही यहां आ जाते हैं और परिक्रमा के दिन  परिक्रमा शुरु करते हैं। जिस स्थान से परिक्रमा शुरु होती हैं उसी स्थान पर समाप्त भी करते हैं।

परिक्रमा के शुरु करने के पहले श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान  करते हैं। ज्यादातर लोग लगातार पैदल चलकर अपनी परिक्रमा पूरी करना चाहते हैं फिर भी लम्बी दूरी की परिक्रमा के कारण श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये प्रशासन तथा स्वयंसेवी संस्थाओं ने जगह-जगह विश्रामालय, प्राथमिक चिकित्सा, जलपान के प्रबंध किये रहते हैं।

इस परिक्रमा में ज्यादा श्रद्धालु ग्रामीण अंचलों से आते हैं। अपने परिजन साथियों के साथ विभिन्न मंदिरों में आकर शरण लेते हैं। परिक्रमा में ज्यादातर लोग चलकर ही अपनी परिक्रमा पूरा करना चाहते हैं। क्योंकि रुक जाने पर मांसपेशियों में खिंचाव आ जाने से थकान का अनुभव जल्दी होने लगता है। यद्यपि श्रद्धालुओं में ना रुकने की चाह रहती है फिर भी लम्बी दूरी की वजह से रुकना तो पड़ता ही है।

विश्राम के लिये रुकने वालों में ज्यादातर वृद्ध या अधिक उम्र के लोग रहते हैं। इनके विश्राम नि:शुल्क प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र व जलपान गृहों का इंतजाम रहता है। चौदह कोसी परिक्रमा श्रद्धालु छह सात घंटे में पूरी कर लेते हैं। परिक्रमा मेले की व्यापक तैयारियां की गयी हैं।

अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी सहित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरे परिक्रमा मार्ग को बड़ी बारीकी से निरीक्षण भी किया है।

अपर जिलाधिकारी नगर डॉ. वैभव शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक नगर विजय पाल सिंह ने बताया कि चौदह कोसी परिक्रमा समाप्त होने के बाद सात नवम्बर को पांच कोसी परिक्रमा प्रात: नौ बजकर सैंतालिस मिनट से शुरू होगा जो आठ नवम्बर को दोपहर ज्ञारह बजकर छप्पन मिनट तक चलेगी।

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी अनुज कुमार झा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करके प्रतिमा मार्ग पर जो भी अव्यवस्था हो उसे तत्काल दूर करने के निर्देश विभिन्न अधिकारियों को दिया है।

उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा स्नान ज्ञारह नवम्बर की शाम पांच बजकर चौंतीस मिनट से शुरू होगा जो 12 नवम्बर  शाम छह बजकर बयालिस मिनट तक चलेगा। चौदह कोसी, पंचकोसी परिक्रमा तथा कार्तिक पूर्णिमा स्नान में ग्रामीण क्षेत्र से अधिक श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने बताया कि लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद अयोध्या में है।

शर्मा ने बताया कि परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिये सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। परिक्रमा पथ को चौदह लेन व सेक्टरों में बांटकर जोनल मजिस्टेट्रों की तैनाती की गयी है। इस मेले में आठ कम्पनी पैरा मिलेट्री फोर्स, पांच एएसपी, अठारह डीएसपी और चार सौ आरक्षी सहित कई कम्पनियां पीएसी व आरएएफ के जवान तैनात किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस मदद के लिये पर्याप्त संख्या में पुलिस बल जगह-जगह तैनात किये गये हैं। अयोध्या के सभी मंदिरों के आसपास बैरीकेडिंग की गयी है जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने बताया कि साथ ही साथ जल पुलिस, सादे कपड़ो में पुलिस, बम स्क्वायड सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं। उन्होंने बताया कि यद्पि किसी गड़बड़ी की कोई अधिग्रहीत सूचना नहीं है फिर भी पूरे अयोध्या की सतर्कता बढ़ा दी गयी है।

उन्होंने बताया कि विवादित श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला में लगे पुलिस बल के अलावा और पुलिस बल लगाकर सतर्कता बढ़ा दी गयी है। रेड और यलो जोन में जाने में जाने वाले श्रद्धालुओं की बैरियर पर ही चेकिंग के दौरान उनको अंदर प्रवेश किया जा रहा है।

 

वार्ता
अयोध्या


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