आरएसएस प्रमुख के ‘हिंदू राष्ट्र’ बयान से सहमत नहीं: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख के ‘हिंदू राष्ट्र’ बयान से सहमत नहीं है।
बीएसपी की अध्यक्ष मायावती |
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था।
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी का प्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार की ‘विफल’ नीतियों की वजह से मौजूदा आर्थिक सुस्ती आई है।
उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सत्तारूढ भाजपा की सरकारी नौकरियों में पोदन्नति के लिए दलितों और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को रोकने के लिए ‘आंतरिक समझ’ है।
मायवती ने कहा, ‘‘दलितों और अनुसूचित जनजातियों के हितों के लिए बनाए गए कानूनों को सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया है। इससे देश में वंचितों का शोषण करने वालों को बढावा मिला है।’’
उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति भी चिंताजनक है।
बसपा नेता ने कहा, ‘‘हाल ही में आरएसएस प्रमुख ने एक बयान में कहा था कि इस देश में मुस्लिम खुश हैं क्योंकि भारत एक ‘हिंदू राष्ट्र’ है। बसपा इस बयान से सहमत नहीं है। आरएसएस प्रमुख को इस तरह का बयान देने से पहले सच्चर समिति की रिपोर्ट पढनी चाहिए।’’
न्यायमूर्ति राजेंद्र सच्चर की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट तैयार की गई थी।
दलित नेता ने कहा, ‘‘हम आरएसएस प्रमुख के हिंदू राष्ट्र के बयान से सहमत नहीं हैं। क्योंकि बाबासाहेब आंबेडकर ने सिर्फ हिंदुओं को ध्यान में रखकर संविधान नहीं तैयार किया था। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था।’’
मायावती ने कहा, ‘‘भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है न कि हिंदू राष्ट्र है।’’
विजयदशमी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि भारत हिन्दुस्तान है और हिंदू राष्ट्र है।
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