सूबे की सियासत और उत्तर प्रदेश पुलिस में भूचाल लाने वाले कथित बच्चा चोरी पिटाई कांड जैसी घटनाओं में शामिल पाए जाने वालों की अब खैर नहीं होगी।
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समाज में भय फैलाने वाली ऐसी बे-सिर-पैर की घटनाओं को बढ़ावा देने और अंजाम देने वालों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया जाएगा जिससे आरोपी कम से कम एक साल तक तो जेल से बाहर न आ सके।
एक विशेष बातचीत के दौरान इन तमाम घटनाओं को लेकर सूबे के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश सिंह ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि, "ऐसी घटनाओं ने कानून-व्यवस्था के लिए जो परेशानी पैदा की है, वो तो है ही, ऐसे लोग समाज में भी बे-वजह भय फैला रहे हैं. साथ ही इन घटनाओं में यह भी देखने में आ रहा है कि बेकसूर लोग ही पिस रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए मैंने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को इन घटनाओं में शामिल लोगों पर सीधे रासुका के तहत केस दर्ज करके उन्हें जेल भेजने का निर्देश दिया है, क्योंकि रासुका के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद ऐसे लोग कम से कम एक साल तक तो जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।"
उन्होंने हालांकि बच्चा चोरी में बेकसूरों को पीटे जाने के पीछे किसी सोची समझी साजिश की संभावना से इंकार करते हुए कहा, "नहीं यह कोई साजिश नहीं। यह महज एक गलत के पीछे-पीछे बाकी सौ के भी चल देने जैसा है। इस तरह की घटनाओं में अब तक यही देखा गया है कि, ये घटनाएं अमूमन किसी भी शहर की नई बसी बस्तियों-कालोनियों में ही हो रही हैं।"
पुलिस महानिदेशक ने आगे कहा, "जो लोग घटना में शामिल पाए जाएंगे उन पर तो रासुका लगेगी ही, साथ ही जो इन अफवाहों को सोशल मीडिया पर वायरल करके माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे, उनसे भी घटना में शामिल अपराधियों की तरह ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में ही अलग अलग स्थानो पर हुई करीब ऐसी 20 से ज्यादा घटनाओं में अब तक 45 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. एटा में भीड़ ने बच्चा चोरी के शक में हिमाचल प्रदेश की एक महिला पर हमला कर दिया था। बीते 11 अगस्त को गोंडा में तो अराजक तत्वों ने हद ही पार कर दी और बच्चा चोरी के शक में एक महिला को पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा गया।
अमरोहा में भी एक ऐसी ही घटना घटी। जौनपुर में तो गांव वालों ने मानसिक रुप से कमजोर महिला को ही पीट दिया और पिटाई का वीडियो भी वायरल कर दिया।
जौनपुर की घटना पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस तरह की घटनाओं का सोशल मीडिया के जरिये प्रचार-प्रसार करना भी घटना में शामिल करने से कम दोष नहीं माना जायेगा।
हद तो तब हो गयी जब 10 अगस्त को फिरोजाबाद जिले में बच्चा चोरी के ऐसे ही एक मामले में भीड़ ने कार सवार दो महिलाओं और दो पुरुषों को भी शिकार बना डाला। इतना ही नहीं, भीड़ ने कार तक क्षतिग्रस्त कर दी। इस तरह की मारपीट की खबरें प्रदेश के बलरामपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, मथुर, बुलंदशहर और बिजनौर जिलों से भी खूब आई हैं।
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