इजराइल और भारत के संबंध पुराने हैं: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत और इजराइल के सम्बन्ध बहुत पुराने हैं, दोनों देशों ने पिछले तीन दशकों में नई ऊंचाइयों को छुआ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो) |
योगी जी ने यह विचार बृहस्पतिवार देर शाम यहां लोक भवन में इजराइल के राजदूत डॉ रॉन मलका से भेंट के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश इजराइल के साथ अपने सम्बन्ध में और मजबूत करना चाहता है, जिससे भारत और इजराइल के सम्बन्धों में और प्रगाढ़ता आएगी।
इजराइल और भारत ने पिछले तीन दशकों में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजराइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने एक-दूसरे के देशों की यात्रा की और इन सम्बन्धों में और सुदृढ़ता आयी है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि, जल संरक्षण और रीचार्जिंग, पेयजल आपूर्ति, वॉटर रीसाइकिलिंग, सिंचाई, पुलिस आधुनिकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण इत्यादि क्षेत्रो में इजराइली अनुभव तथा तकनीक के इस्तेमाल से काफी लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इजराइली तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जल आपूर्ति के पायलेट प्रोजेक्ट चलाए जाएं। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण में इजराइली तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अत्याधुनिक कण्ट्रोल रूम और कमाण्ड सिस्टम स्थापित करने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने इजराइली के राजदूत डॉ रॉन मलका को कृषि प्रबन्धन, कृषि विपणन, औद्यानिकीकरण, डिफेंस कॉरिडोर, सिंचाई और फसल प्रबन्धन, भूगर्भ जल, कौशल विकास, डेयरी, अवस्थापना विकास, अंतर्देशीय जल मार्ग, एक्सप्रेस-वे निर्माण में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया।
इन क्षेत्रों में इजराइल की तकनीक और उनके अनुभव से काफी लाभ उठाया जा सकता है। इनमें भारत और इजराइल के कोलेबोरेशन से प्रदेश बड़े पैमाने पर लाभान्वित हो सकता है।
इस अवसर पर इजराइल के राजदूत ने कहा कि भारत इजराइल का सामरिक (स्ट्रैटिजिक) भागीदार है। उनका देश भारत की हर सम्भव सहायता करेगा। इजराइल उत्तर प्रदेश में एक ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ स्थापित करना चाहता है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रो में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए उनका देश तत्पर है। इजराइल भारत के साथ सभी प्रकार की तकनीकियों तथा अनुभवों को साझा करने के लिए तैयार है।
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