सपा के स्टार प्रचारकों में मुलायम नहीं
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन को लेकर अपनी नाखुशी को सार्वजनिक कर चुके समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रचारक की भूमिका में नजर नहीं आयेंगे।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव |
समाजवादी पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची में श्री मुलायम सिंह यादव को जगह नहीं दी गयी है। उम्र के 80वें पड़ाव पर कदम रख चुके श्री यादव को मैनपुरी से टिकट दिया गया है जबकि उनके मौजूदा संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे।
स्टार प्रचारकों में अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव के अलावा रामगोपाल यादव, आजम खां, जया बच्चन, राजेन्द्र चौधरी, रामगोविंद चौधरी नरेश उत्तम पटेल, अहमद हसन और विशम्भर प्रसाद निषाद समेत पार्टी के 40 जाने माने चेहरों को जगह दी गयी है। सपा बसपा गठबंधन को लेकर नाखुशी और श्री नरेन्द्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की ख्वाईश का इजहार करने वाले मुलायम को इस लिस्ट में स्थान नहीं दिया गया है।
मुलायम सिंह यादव ने कुछ रोज पहले सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था ‘‘अखिलेश ने मुझसे पूछे बिना ही बसपा से गठबंधन कर लिया। आधी सीटें देने का आधार क्या है। अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं। हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है। मुलायम ने कहा कि हम सशक्त हैं, लेकिन हमारे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।
सपा संस्थापक ने 16वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुये कहा था ‘‘मुझे आशा है कि सभी सदस्य जीतेंगे और वापस आएंगे और आप (मोदी) फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।’’
गठबंधन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सफाई देते हुये कहा था कि पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बसपा से रिश्ते कायम किये थे और वह उन रिश्तों को ठीक करना चाहते हैं।
सपा संस्थापक के प्रति भाजपा के नेता उदार रवैया बनाये हुये है। भाजपा के सूत्रो के मुताबिक सपा में उपेक्षा का दंश झेल रहे श्री मुलायम सिंह यादव का पार्टी पूरा सम्मान करती है और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हे मैनपुरी में भाजपा के विरोध का सामना करना नहीं पड़ सकता है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के प्रति समय समय पर सम्मान का इजहार करते रहे हैं। उन्होने उन्हे पार्टी के सिंबल पर मनमाफिक सीट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी किया था और जब सपा संस्थापक के मैनपुरी से चुनाव लडने की घोषणा हुयी तो प्रसपा ने वहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया।
| Tweet |