कृषि समृद्धि की नई राह

Last Updated 13 Oct 2025 03:15:48 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की समृद्धि की नयी राह बनायी है। 24,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई पीएम धन-धान्य कृषि योजना भारतीय कृषि के परिदृश्य में एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा सकती है।


यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत के विकास और किसानों की समृद्धि की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है। जब जलवायु परिवर्तन, घटती उत्पादकता, और बढ़ती लागतों के बीच किसान जीवनयापन के संकट से जूझ रहे हैं, तब यह योजना उन्हें नई आशा और आत्मविश्वास देने का कार्य करेगी। इस योजना का मूल उद्देश्य देश के हर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुंचाना, फसल उत्पादकता में वृद्धि करना, किसानों को सुलभ ऋ ण और भंडारण की बेहतर व्यवस्था प्रदान करना है।

भारत जैसे विशाल कृषि प्रधान देश में आज भी लाखों किसान वष्रा आधारित खेती पर निर्भर हैं। अनियमित मानसून और सीमित सिंचाई संसाधन किसानों के जीवन को अनिश्चित बनाते हैं। ऐसे में, यह योजना जल प्रबंधन और सिंचाई के विस्तार के माध्यम से खेती को स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान करेगी। धन-धान्य योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू आधुनिक भंडारण सुविधाओं के सृजन से जुड़ा है। भारत में हर वर्ष लाखों टन अनाज भंडारण की कमी के कारण खराब हो जाता है। 

अब आधुनिक गोदामों, कोल्ड स्टोरेज और ग्रामीण स्तर पर वेयरहाउसिंग की व्यवस्था किसानों को अपनी उपज सुरक्षित रखने में मदद करेगी। इससे उन्हें फसल को सही मूल्य मिलने तक बेचने का इंतज़ार करने का अवसर मिलेगा, और बिचौलियों पर उनकी निर्भरता घटेगी। किसानों को सुलभ और कम ब्याज पर ऋ ण उपलब्ध कराना भी इस योजना की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। छोटे और सीमांत किसान अक्सर बैंकिंग प्रणाली से दूर रह जाते हैं और स्थानीय साहूकारों के शोषण का शिकार बनते हैं।

अब उन्हें सस्ते ऋ ण की सुविधा मिलेगी, जिससे वे आधुनिक बीज, कृषि यंत्र और नई तकनीकों को अपनाने में सक्षम होंगे। योजना का एक अन्य अहम आयाम कृषि में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना है। ड्रोन आधारित फसल निगरानी, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, मिट्टी परीक्षण, और जैविक खेती को प्रोत्साहन जैसी पहलें भारतीय कृषि को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाएंगी। यह कदम देश को डिजिटल एग्रीकल्चर के नए युग में ले जाने की क्षमता रखता है। भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ आज भी कृषि ही है। यदि यह योजना ईमानदारी, पारदर्शिता और राज्य सरकारों के सहयोग से सही दिशा में लागू होती है, तो यह केवल किसानों की आय बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि ग्रामीण पुनर्जागरण का आधार बनेगी।

इससे कृषि को उद्योग से जोड़ने, ग्रामीण युवाओं को रोजगार देने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस प्रगति होगी। निस्संदेह, पीएम धन-धान्य योजना भारतीय कृषि को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करने वाली ऐतिहासिक पहल है। यदि इसका क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हुआ, तो यह देश के खेतों को हरियाली से, और किसानों के चेहरों को समृद्धि की मुस्कान से भर देगी। पीएम धन-धान्य कृषि योजना के दूरगामी परिणाम अत्यंत सकारात्मक हो सकते हैं।

इस योजना से कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और सिंचाई सुविधाओं का विस्तार होगा, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य साकार हो सकेगा। भंडारण और विपणन तंत्र के सशक्त होने से फसल की बर्बादी घटेगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी, रोजगार सृजन बढ़ेगा और कृषि क्षेत्र आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा। दीर्घकाल में यह योजना भारत को कृषि शक्ति से कृषि समृद्ध राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध होगी।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment