6 माह में खिंच जाएगा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का खाका

Last Updated 23 Sep 2017 11:42:53 AM IST

लखनऊ से कानपुर की दूरी 30 मिनट में तय करने की उम्मीद को जल्दी ही उड़ान मिलने वाली है. बस, कुछ महीने का इंतजार है जब लखनऊ-कानपुर के बीच एक्सप्रेस वे का खाका खिंच जाएगा.


6 माह में खिंच जाएगा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे का खाका

इसके बाद यह पता चल सकेगा कि एक्सप्रेस वे मौजूदा हाइवे के ही एलाइनमेंट पर ही बनेगा या अलग से एलाइनमेंट होगा. इस एक्सप्रेस वे डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तैयार करने में जुटा हुआ है. इसको लेकर एनएचएआई की उत्तर प्रदेश सरकार से लगातार चर्चा चल रही है. संभव है कि डीपीआर तैयार करने की समय सीमा अप्रैल 2018 से पहले रिपोर्ट आ जाए. इसके बाद अगले वर्ष के अंत तक इसके निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाए.

दरअसल, लखनऊ-कानपुर के बीच मौजूदा हाइवे पर वाहनों के बढ़ते दबाव को कम करने और जल्दी दूरी तय करने के लिहाज से केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे की जरूरत बतायी थी. साथ ही यह घोषणा की थी कि देश में बनने वाले 12 एक्सप्रेस वे में से एक लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे भी बनाया जाएगा. इसके बाद एनएचएआई को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. यह एक्सप्रेस वे आठ लेन का होगा. यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे होने के नाते 30 मिनट में लखनऊ से कानपुर के बीच करीब 75 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकेगी. मौजूदा समय में यह दूरी तय करने में करीब एक घंटे 20 मिनट लगते हैं. अगर कहीं जाम लग गया तो ज्यादा समय भी लग जाता है.

सूत्रों के अनुसार इस परियोजना को लेकर एनएचएआई ने एक से अधिक प्रस्ताव तैयार किये हैं. इनमें मौजूदा एलाइनमेंट के साथ एक्सप्रेस वे की परिकल्पना और इसके इतर एलाइनमेंट के साथ परिकल्पना के साथ प्रस्ताव हैं. इनमें प्रमुख रूप से वाहनों की संख्या, जरूरत और लागत को केंद्रित किया गया है. इन प्रस्तावों के साथ एनएचएआई उत्तर प्रदेश सरकार के साथ लगातार चर्चा कर रहा है. विभिन्न नजरिये से, विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा के बाद ही एक प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर डीपीआर को तैयार किया जाएगा. अगर नये एलाइनमेंट के साथ डीपीआर तैयार होता है तो भूमि अधिग्रहण की जरूरत होगी. जाहिर है कि नये एक्ट से भूमि अधिग्रहण से लागत अधिक आएगी.

हालांकि अभी तक यह अनुमान लगाया जा रहा परियोजना की लागत दस हजार करोड़ रुपये आएगी. कुल मिलाकर छह महीने के भीतर लखनऊ-कानपुर के छह माह में खाका तैयार हो जाएगा.

विनोद श्रीवास्तव
सहारा न्यूज ब्युरो


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