Blue Whale Game के खतरे से बच्चों को करें जागरुक : यूपी सरकार
ब्लू व्हेल गेम के खतरे से स्कूलों में बच्चों को जागरुक करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए गये हैं.
ब्लू व्हेल गेम |
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए हैं. जारी निर्देशों में कहा गया है कि जो बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें ब्लू व्हेल गेम के खतरे से जागरुक करें जिससे बच्चे इस खेल से दूर रहे.
गौरतलब है कि ब्लू व्हेल गेम के कारण कई बच्चे अपनी जान गवां चुके हैं.
ब्लू व्हेल गेम लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है
ब्लू व्हेल गेम का नाम पहली बार सुनने में ऐसा लगता है जैसे यह कोई छोटे बच्चों का गेम है जिसमे कोई प्यारी सी ब्लू व्हेल होगी लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यही ब्लू व्हेल गेम लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है और इसी वजह से ब्लू व्हेल गेम सुसाइड गेम के नाम से भी जाना जा रहा है तो आखिर क्या है ब्लू व्हेल गेम में ऐसा जो लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर देता है जानने की कोशिश करते हैं क्या है ब्लू व्हेल गेम.
क्या है ब्लू व्हेल गेम
इंटरनेट पर साधारण तौर पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध नहीं है, ब्लू व्हेल गेम को केवल डार्क वेब डाउनलोड किया जा सकता है ब्लू व्हेल गेम पूरे 50 दिन तक खेला जाता है जब आप इसे खेलना शुरू करते हैं तो हर दिन के लिए एक टॉस्क दिया जाता है गेम का एडमिन आपको रोज टॉस्क आपके बारे में जानकारी देता है कि आपको अगले 50 दिन तक क्या-क्या करना है ब्लू व्हेल गेम के अगली स्टेज जाने के लिए आपको टॉस्क पूरा करना होता है और उसकी सेल्फी खींचकर अपने दोस्तों के साथ शेयर करनी होती है शुरुआती दिनों में सरल टॉस्क दिए जाते हैं जैसे कागज पर ब्लू व्हेल की तस्वीर बनाना डरावनी फिल्में देखना, रात केअंधेरे में किसी भयानक जगह पर जाना लेकिन जैसे-जैसे कीमती फाइनल स्टेज आती है और टॉस्क खतरनाक होते जाते हैं.
ब्लू व्हेल गेम खेलने वाले यूजर को अपने हाथ पर चाकू से व्हेल मछली गोदनी होती है ब्लू व्हेल गेम के अंतिम दिन आपको किसी उनकी बिल्डिंग से छलांग लगाने के लिए बोला जाता है गेम के एडमिन द्वारा प्लेयर को इस तरीके से प्रेरित किया जाता है कि अगर वह टॉस्क पूरा नहीं कर पाएगा तो वह डरपोक और कायर कहलाएगा.
ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में पूरी दुनिया में लगभग ढाई सौ से ज्यादा बच्चों ने खुदकुशी कर ली है अभी हाल ही में मुंबई में एक 14 साल के बच्चे हैं इसी ब्लू व्हेल गेम की वजह से आत्महत्या की है.
ब्लू व्हेल गेम को 2013 में रूस के फिलिप बुडेकिन नाम के व्यक्ति ने बनाया था जो अभी फिलहाल जेल में है वह मनोवैज्ञानिक रूप से गेम खेलने वाले को अपने कंट्रोल में कर लेता है यहां तक कि वह खिलाड़ी का फोन भी हैक कर लेता है और यदि खिलाड़ी से खेलना छोड़ना चाहें तो वह उसे मारने तक की धमकी देता है और ब्लैकमेल करता है वह इस तरीके से प्रेरित करता प्रेरित करता है यदि आप इस गेम को पूरा नहीं कर पाए तो आप धरती पर रहने लायक नहीं है आप को जीने का कोई अधिकार नहीं है.
भारत के कई हिस्सों में हुए हादसे
भारत में ब्लू-वेल चैलेंज की वजह से मौतों का सिलसिला तब शुरू हुआ जब 30 जुलाई को मुंबई में एक 14 साल के बच्चे ने कथित तौर पर एक इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी. इसके बाद इंदौर में 7वीं क्लास में पढ़ने वाले एक लड़के ने 10 अगस्त को खुदकुशी करने से ठीक पहले बचा लिया गया. बताया जाता है कि उसने अपनी स्कूल डायरी में पहले के 50 स्टेज के बारे में लिख रखा था. पश्चिम बंगाल में 12 अगस्त को 10वीं क्लास के एक बच्चे का शरीर पाया गया. उसका सिर प्लास्टिक में लिपटा हुआ था और उसके गले में एक रस्सी बंधी हुई थी.
क्या कहते हैं कानून?
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और याहू से इस खेल से जुड़े लिंक्स हटाने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने इस खेल पर बैन लगाने की मांग की थी.
रूसी संसद ने सोशल मीडिया पर खुदकुशी को बढ़ावा देने वाले ग्रुप बनाने को अपराध के दायरे में रखने संबंधी बिल को 26 मई को पास किया. राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने नाबालिग बच्चों को खुदकुशी के लिए उकसाने पर क्रिमिनल पेनल्टी लगाने को लेकर एक कानून पर भी हस्ताक्षर किए. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 6 साल तक की सजा हो सकती है.
विदेशों में बहुत से बच्चे बने इस गेम के शिकार
वेनेजुएला - 26 अप्रैल को एक 15 साल के बच्चे ने कथित तौर पर इस खेल के लिए जान दे दी.
ब्राजील
क्रिश्चियन सोशल पार्टी के पास्टर ने दावा किया कि उसकी भतीजी ने इस खेल के चलते अपनी जान दे दी.
एक 15 साल की छात्रा को उसकी जान लेने के ठीक पहले ही रोक लिया गया. उसके हाथ पर वेल के शेप में कई कट्स लगे थे.
एक 17 साल के बच्चे ने खुदकुशी की कोशिश से पहले फेसबुक पर लिखा- 'ब्लेम इट ऑन द वेल' यानी इसका दोष 'वेल' पर लगाया जाए.
अर्जंटीना
एक 16 साल के बच्चे ने फाइनल स्टेज के लिए अपनी जान दे दी वहीं एक 14 साल के बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
इटली
मार्च में अखबारों में इस खेल की चर्चा हुई. इसे असली रूसी खेल करार देते हुए इसके नियमों के बारे में बताया गया. कुछ दिन बाद एक टीनएजर की खुदकुशी को इस खेल से जोड़कर देखा गया.
कीनिया
नैरोबी में एक स्टूडेंट ने 3 मई को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
पुर्तगाल
18 साल की एक लड़की को रेलवे लाइन के पास पाया गया. उसके हाथ पर कई चोटें पाई गईं. उसने बताया कि उसे किसी ब्लू-वेल नाम के शख्स ने उकसाया था.
सऊदी अरब
5 जून को एक 13 साल के बच्चे ने अरपने प्लेस्टेशन के तारों से खुद की जान लेने की कोशिश की. यह इस खेल का सऊदी में पहला मामला था.
चीन
एक 10 साल की बच्ची ने खेल के चलते खुद को नुकसान पहुंचाया और एक सुइसाइड ग्रुप भी बनाया. भव वहां इस खेल पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
रूस
मार्च, 2017 में प्रशासन ने इस खेल से जुड़े मामलों की जांच शुरू की. फरवरी में 15 साल के 2 बच्चों ने साइबेरिया में एक इमारत से कूदकर जान दे दी. ऐसा कदम उठाने से पहल उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वेल की फोटो शेयर करते हुए कैप्शन दिया-एंड
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