तलाक के निर्णय के बाद वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने मनाया जश्न

Last Updated 22 Aug 2017 05:40:28 PM IST

तलाक-ए-बिदअत (लगातार तीन बार तलाक कहने की प्रथा) पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से खुश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र एवं उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया.


(फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुस्लिम बहुल कई इलाकों में महिलाओं एक दूसरे का मुंह मीठा किया. कई महिलाओं ने दूसरे को फूलों की मालाएं पहनाकर जश्न मनाया. उन्होंने फैसले को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि आज मुस्लिम समाज के महिलाओं की जीत हुई है. 
      
वाराणसी  के औरंगाबाद की अनिसाह ने फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए उम्मीद जाहिर की कि इस फैसले से तलाक के मामलों में कमी आ सकती है. अंग्रेजी ऑनर्स तृतीय वर्ष की इस छात्र ने यह भी कहा कि स्पष्ट कानून एवं उसके प्रति समाज में जागरूकता फैलाने के प्रयासों पर फैसले की वास्तविक सफलता निर्भर करेगा.
        
उसका कहना है कि महिलाओं को प्रताड़ना से बचाने के लिए संविधान ने पहले से ही अनेक अधिकार दिये हैं, लेकिन उसे व्यवहारिक रूप तौर पर हासिल करना साधारण महिलाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है. तीन तलाक का नया कानून बनाते समय इस चुनौती को भी ध्यान रखना होगा.
      
स्नात्कोत्तर प्रथम वर्ष की छात्र एवं अनिसाह की बड़ी बहन आसिया को अदालत के फैसले से आने वाले वक्त में एक बडा बदलाव आने की उम्मीद है. वह कहती हैं, कुछ भी हो अदालत का फैसला ऐतिहासिक है. इसका लाभ आने वाली पीढी को अवश्य मिलेगा. उनका कहना है कि दशकों की लम्बी लड़ाई के बाद अदालत ने मुस्लिम समाज की महिलाओं के हक में फैसला देकर बहुत बड़ा काम किया है. इससे उन्हें अपने हक की लड़ाई आगे बढ़ाने का हौसला मिलेगा.


          
इसी इलाके की एक अन्य महिला का कहना था कि अदालत के मंगलवार के फैसले के बाद नाजायज तरीके से परेशान करने वाले पुरुषों को सबक मिला है. वह शायद अब अपनी महिलाओं को तलाक का डर दिखाकर परेशान करने से बाज आ सकते हैं.
      
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में तलाक-ए-बिदअत को असंवैधानिक तथा गैर इस्लामिक करार देते हुए निरस्त कर दिया है.

भाषा


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