पोखरण के आसमान में दिखी वायुसेना की शक्ति, गरजे भारतीय फाइटर जेट्स, PM मोदी बोले- यही तो भारत शक्ति है

Last Updated 12 Mar 2024 04:08:55 PM IST

भारतीय वायुसेना ने ‘वायु शक्ति-2024' नाम से जंग का अभ्यास किया। इस अभ्यास में राफेल से लेकर मिग-29, मिराज-2000, तेजस समेत 120 से अधिक विमानों ने हिस्सा लिया।


तीनों सेनाओं के स्वदेश निर्मित रक्षा उपकरणों की शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए ‘भारत शक्ति’ महा अभ्यास मंगलवार को राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की उपस्थिति में शुरू हुआ।

इस अभ्यास के दौरान स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का करीब 50 मिनट तक समन्वित प्रदर्शन गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज हमने यहां अपनी तीनों सेनाओं के जो पराक्रम देखा। वह अद्भूत है। आसमान में ये गरजना, जमीन पर ये जाबाजी, चारों दिशाओं में गूंजता ये विजय घोष,ये नए भारत का आह्वान है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आने वाले वर्षों में जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनेंगे, तो भारत का सैन्य सामर्थ्य भी नई बुलंदी पर होगा और भारत को तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में राजस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। विकसित राजस्थान, विकसित सेना को भी उतनी ही ताकत देगा।"

‘भारत शक्ति’ के दौरान, देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल के तहत स्वदेश में विकसित हथियार प्रणालियों और मंचों की एक शृंखला प्रदर्शित की गई।

इसमें कहा गया कि यह अभ्यास भूमि, वायु, समुद्र, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत परिचालन क्षमताओं को प्रदर्शित किया जा रहा है।

एलसीए तेजस, एएलएच एमके-चार, एलसीएच प्रचंड, सचल ड्रोन रोधी प्रणाली, बीएमपी-द्वितीय और इसके संस्करण, नामिका (नाग मिसाइल कैरियर), टी90 टैंक, धनुष, के9 वज्र और पिनाका रॉकेट उन मंच (प्लेटफार्म) में शामिल हैं जिनका पोखरण में प्रदर्शन किया जा रहा है। पोखरण जैसलमेर शहर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सेना डिजाइन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल सी एस मान ने यहां संवाददाताओं से कहा था कि भारतीय संदर्भ में समन्वित संयुक्त अभियान निर्णायक होंगे।

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इस तरह के पैमाने पर अपनी तरह का यह पहला अभ्यास ‘‘किसी भी दिशा (उत्तरी या पश्चिमी सीमा) या किसी प्रतिद्वंद्वी को लक्ष्य बनाकर नहीं किया जा रहा।’’

जैसलमेर जिले के पोखरण में होने वाले अभ्यास में कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग से एकीकृत प्रणालियों और मंचों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।

भाषा
जैसलमेर


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