जयपुर राजघराने की जमीन पर बना है ताजमहल, कोर्ट कहे तो हम दस्तावेज देने को तैयार हैं: BJP सांसद दीया कुमारी
जयपुर के पूर्व शाही परिवार की सदस्य और भारतीय जनता पार्टी की सांसद दीया कुमारी ने बुधवार को दावा किया कि आगरा में जिस जमीन पर ताजमहल बना है, वह मूल रूप से जयपुर के तत्कालीन शासकों की थी जिसे मुगल बादशाह द्वारा अधिग्रहित किया गया था।
![]() जयपुर राजघराने की जमीन पर बना है ताजमहल: दीया कुमारी |
इसके साथ ही दीया कुमारी ने ताजमहल के एक हिस्से में बंद कमरों को खोलने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि मौजूदा स्मारक बनने से पहले वहां क्या था और लोगों को यह जानने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जयपुर परिवार के पास रिकॉर्ड उपलब्ध हैं जो जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास जो दस्तावेज हैं, उसमें यह महल था और शाहजहां ने इस पर कब्जा किया और उस समय तो सरकार उन्हीं की थी तो उस अधिग्रहण के बदले कुछ मुआवजा दिया गया। लेकिन उस समय अपील करने या उसका विरोध करने के लिए कोई कानून नहीं था। निश्चित रूप से यह जयपुर के पूर्व राजपरिवार की जमीन है।’’
निश्चित तौर पर वो ज़मीन जयपुर पूर्व राजपरिवार की थी। अच्छा है कि किसी ने आवाज़ उठाई और याचिका दायर की है। अगर आवश्यकता पड़ेगी तो हम दस्तावेज़ उपलब्ध कराएंगे। वो ज़मीन हमारे राज परिवार की थी: भाजपा सांसद दीया कुमारी, जयपुर
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 11, 2022
ताजमहल के बंद कमरों को खोलने के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका का जिक्र करते हुए दीया कुमारी ने कहा, ‘‘अच्छा है कि किसी ने आवाज उठाते हुए याचिका दायर की है। उसके लिए किसी भी दस्तावेज की आवश्यकता पड़ेगी तो हमारे यहां ट्रस्ट में पोथीखाना भी है और जो भी दस्तावेज हैं, उन्हें हम लोग उपलब्ध करवाएंगे... अगर अदालत आदेश देगी।’’
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘लोगों को पता होना चाहिए कि वहां कमरे क्यों बंद हैं। ताजमहल से पहले कुछ भी हो सकता था, हो सकता है मंदिर रहा हो। लोगों को यह जानने का अधिकार है कि मूल रूप से 'मकबरे' से पहले वहां क्या था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ताजमहल के कुछ कमरे, कुछ हिस्सा जो बंद हैं, सील हैं, उसकी निश्चित रूप से जांच होनी चाहिए, उसे खोलना चाहिए कि वहां क्या था...।’’
इसके साथ ही सांसद ने स्पष्ट किया कि उन्होंने जो सुना व जाना है, उसके आधार पर वह यह बात कह रही हैं और उन्होंने इस बारे में उपलब्ध रिकार्ड को नहीं देखा है और रिकॉर्ड का अध्ययन किए जाने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
इस सवाल पर कि क्या वहां पहले कोई मंदिर था, सांसद ने कहा, ‘‘... इतना कुछ मैंने देखा नहीं है लेकिन निश्चित रूप से वहां जो संपत्ति थी, वह हमारे परिवार की थी।’’
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