REET Paper Leak Case: भाजपा विधायकों ने विधानसभा में की नारेबाजी, रीट पेपर लीक मामले की CBI जांच की मांग
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट)-2021 पेपर लीक मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा में अपना विरोध प्रदर्शन मंगलवार को जारी रखा और प्रश्नकाल के बाद सदन से बहिर्गमन किया।
![]() रीट को लेकर राजस्थान विधानसभा में बवाल (प्रतिकात्मक फोटो) |
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांध रखी थी और हाथों में ‘रीट की सीबीआई से जांच करवाओ’ लिखी तख्तियां ले रखी थीं। हंगामा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें आगाह किया और कार्यवाही बाधित नहीं करने को कहा।
उन्होंने भाजपा सदस्यों को चेताया कि वे सदन में मर्यादित रहें और उन्हें सख्त कार्यवाही के लिए मजबूर नहीं करें। उन्होंने कहा, ‘‘आप संसदीय परंपराओं को तोड़ने का रिकॉर्ड बना रहे हैं। जब आप सत्ता में आएंगे तो समस्या होगी। प्रश्नकाल के महत्व को समझें और इसे बाधित नहीं करें। अगर आपने मजबूर किया तो मुझे सख्त कार्रवाई करनी होगी।’’
हालांकि, भाजपा विधायक नारेबाजी करते रहे और हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर सोमवार को चर्चा तो करवाई लेकिन राज्य सरकार ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई सटीक जवाब नहीं दिया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच करवाने को अपनी मंशा स्पष्ट करे। इसके बाद कटारिया ने अपने दल के विधायकों के साथ सदन से बहिर्गमन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ते रहे।
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल राज्य सरकार की ओर से जवाब देने के लिए उठे और भाजपा से ‘‘सदन से नहीं जाने और उनका जवाब सुनने को कहा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य सरकार द्वारा की जा रही भर्तियां रोकना चाहती है इसलिए यह सब कवायद कर रही है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रही है। पिछले हफ्ते बुधवार को बजट सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष इस मांग को लेकर हंगामा कर रहा है। धारीवाल पहले ही सदन में स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य सरकार का इस मामले को सीबीआई को सौंपने का कोई इरादा नहीं है। मामले की जांच पुलिस का विशेष बल (एसओजी) कर रहा है।
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