धोखाधड़ी मामले में एसबीआई का पूर्व चेयरमैन गिरफ्तार
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को जैसलमेर पुलिस ने रविवार रात दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
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आरोप है कि उन्होंने जैसलमेर की होटल फोर्ट रजवाड़ा को हथियाने के लिए गलत तरीके से धोखाधड़ी कर बेच दिया। बाद में जिस कंपनी ने होटल को खरीदा उसी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का हिस्सा बन गए। पुलिस प्रतीप चौधरी को दिल्ली से लेकर जैसलमेर के लिए रवाना हो गई है।
आरोप है कि प्रतीप चौधरी ने बिचौलियों के मार्फत जैसलमेर के पांच सितारा होटल रजवाड़ा को हड़पने के लिए प्लान बनाया। लोन का सेटलमेंट करने के लिए बिचौलियों के मार्फत बातचीत की और धोखे में रखकर करीब 200 करोड़ के होटल को सीज करके अपनी परिचित कंपनी को नियम विरुद्ध केवल 25 करोड़ में बेच दिया। फिर खुद रिटायर होकर उसी कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बन गया।
इतनी बड़ी धोखाधड़ी पर जैसलमेर के सदर थाना में साल 2015 में मामला दर्ज हुआ। सीजेएम कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने एसबीआई के तत्कालीन चेयरमैन के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। रविवार को कोर्ट के आदेश पर जैसलमेर पुलिस ने प्रतीप चौधरी को दिल्ली स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया।
जैसलमेर के सबसे पुराने होटल फोर्ट रजवाड़ा के मालिक दिलीप सिंह राठौड़ ने साल 2008 में खुहड़ी रोड पर एक और होटल गढ़ रजवाड़ा के नाम से बनाने का प्लान किया। उसके लिए एसबीआई जोधपुर से साल 2008 में 24 करोड़ का टर्म लोन लिया। होटल का निर्माण शुरू किया।
इस दौरान 2010 में होटल मालिक दिलीप सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मौत के दो माह बाद ही एसबीआई ने आरबीआई के नियमों से परे जाकर एनपीए (नॉन परफामिर्ंग एसेट) कर दिया। एसबीआई ने इनकी दोनों होटल का मूल्यांकन कराया। लोन का पैसा भरने के लिए दिलीप सिंह के पुत्र हरेन्द्र सिंह राठौड़ पर दबाव बनाया।
24 करोड़ के होटल लोन की कुछ किस्त बकाया होने पर एसबीआई ने आरबीआई नियमों के विरुद्ध जाकर होटल का खाता एनपीए कर दिया था। मालिक के दूसरे होटल को सील करने का दबाव बनाया गया।
उस दौरान अहमदाबाद की एक सीए फर्म आतिश्य कंसल्टेंसी के मालिक देवेंद्र जैन ने होटल मालिक के बेटे को लोन सेटेलमेंट के लिए एप्रोच किया। उस दौरान एसबीआई के चेयरमैन प्रतीप चौधरी थे। देवेंद्र जैन ने दिलीप सिंह के बेटे हरेन्द्र सिंह को अलकेमिस्ट असेट्स रकिंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के मालिक आलोक धीर से मिलवाया, जिनका मुख्य काम ही लोन सेटेलमेंट यानी रिकवरी करना होता है।
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