राजस्थान: जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में कई नेताओं के रिश्तेदारों ने भी मारी बाजी

Last Updated 08 Dec 2020 10:29:52 AM IST

राजस्थान में 21 जिलों में हुए जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में एक पूर्व मंत्री तथा मंत्री, कई विधायकों एवं अन्य नेताओं के कई रिश्तेदारों ने भी बाजी मारी हैं वहीं कई नेताओं के रिश्तेदार चुनाव हार भी गए।


चार चरणों में हुए इन चुनावों की मंगलवार को हुई मतगणना में पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ ने अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के सदस्य के रुप में जीत दर्ज की हैं।

राज्य के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के भाई मनोहर आंजना ने निम्बाहेड़ा पंचायत समिति के सदस्य के रुप में विजयी हुए हैं।

इसी तरह कांग्रेस विधायक राम लाल मीना की पत्नी इंद्रा मीना जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीता हैं।

पूर्व मंत्री एवं शिव विधायक अमीन खां के पोते सलमान खां ने गडरारोड़ से पंचायत समिति का चुनाव जीतने में सफल हुए हैं।

इसी तरह पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं विधायक महादेव सिंह खण्डेला के पुत्र गिरिराज सिंह और पुत्रवधु मीनाक्षी ने खण्डेला पंचायत समिति के सदस्य के रुप में जीत दर्ज की हैं।

इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक धीरज गूर्जर की मां सीता देवी एवं पत्नी हेमलता भी पंचायत समिति चुनाव में विजयी रही।

इन चुनावों में नौकरशाह के रिश्तेदार भी पीछे नहीं रहे और राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य की बहन निर्मला भी चुनाव जीत गई हैं।

अन्य कई नेताओं के रिश्तेदारों ने भी चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें चुनाव में सफलता हाथ नहीं लगी। उनमें पूर्व राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया की पत्नी विनोद खंडेला पंचायत समिति का चुनाव हार गई। इसी तरह श्रीमाधोपुर से पूर्व विधायक झाबर सिंह के बेटे दुर्गा सिंह भी चुनाव हार गए।

भाजपा विधायक गोपीचंद मीना की मां उगमा देवी भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर पंचायत समिति सदस्य का चुनाव हार गई।

पूर्व विधायक रामनारायण गूर्जर की पत्नी अजमेर के श्रीनगर पंचायत समिति सदस्य के चुनाव में अपनी जीत दर्ज नहीं कर पाई। इसी तरह पूर्व विधायक तगाराम चौधरी के पुत्र चेनाराम और पुत्रवधु सिगरती देवी भी चुनाव हार गई।

भाजपा नेता चंद्रगुप्त सिंह उदयपुर की मावली पंचायत समिति के चुनाव में हार गये।
 

वार्ता
जयपुर


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