राजस्थान: खींवसर से आरएलपी के नारायण बेनीवाल व मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी की जीत
राजस्थान में झुंझुनूं जिले के मंडावा में कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी एवं खींवसर उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) उम्मीदवार नारायण बेनीवाल निर्वाचित घोषित किये गये है।
![]() रालोपा उम्मीदवार नारायण बेनीवाल (फाइल फोटो) |
रीटा चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुशीला सिंगड़ा को करीब तीस हजार मतों से हराया। इसी तरह बेनीवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार हरेन्द्र मिर्धा को चार हजार से अधिक मतों से हराया।
मतगणना में मंडावा में कांग्रेस प्रतयाशी शुरु से ही आगे रही और अंतिम दौर तक बढ़त बनाते हुए विजयी रही जबकि खींवसर में रालोपा और कांग्रेस में कई दौर में उतार चढाव रहा और आखिर में रालोपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की।
मंडावा में कांग्रेस ने यह सीट भाजपा से छीनी हैं जबकि खींवसर में रालोपा ने अपनी सीट बरकरार रखी।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के लिए मंडावा सीट पर जीत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए खुशी का मौका लेकर आई है। देश भर में भाजपा के पक्ष में चल रही लहर का भी यहां असर देखा नहीं गया। नागौर जिले के खींवसर में रालोपा ने सीट बरकरार रखी लेकिन उसका उम्मीदवार जीत के लिए पांच हजार का आंकड़ा भी नहीं छू पाया।
कांग्रेस की जीत का फायदा पार्टी को शहरी निकायों के चुनाव में भी मिल सकेगा। गहलोत सरकार को भी कामकाज चलाने में आसानी होगी। भाजपा के लिए विधानसभा उपचुनाव ज्यादा शुभकारी नहीं रहे क्योंकि पार्टी ने जहां मंडावा सीट खो दी वहीं खींवसर में भी उसका समर्थित दल रालोपा के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल बड़े अंतर से नहीं जीत पाये। यहां भाजपा की अंतरकलह भी सामने आई।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की चुनाव प्रचार में अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही तथा नवनियुक्त पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां से छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर हो गया। इन चुनाव में राजे के गुट की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया गया है।
रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल अपनी साख बचाने में सफल रहे जबकि उनका मंडावा सीट जीताने का दावा खोखला साबित हुआ।
| Tweet![]() |