राजस्थान: बसपा का गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेने का संकेत, सीएम बोले-बना रहेगा साथ
थानागाजी की घटना पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बसपा को गहलोत सरकार से समर्थन लेने की चुनौती देने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने समर्थन वापस लेने के संकेत दिए हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो) |
राजस्थान में अलवर के थानागाजी में दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना से नाराज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती द्वारा गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेने के संकेत के बाद राज्य में राजनीति गर्मा गई लेकिन फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है।
गहलोत आज यहां अपने निवास पर पत्रकारों से कहा कि इस मामले में मायावती का बयान स्वाभाविक है, क्योंकि वह दलित नेता है लेकिन उन्होंने समर्थन वापसी पर विचार को कहा है, लिया तो नहीं। उन्होंने कहा कि बसपा का उन्हें समर्थन मिलता रहेगा।
उन्होंने मोदी पर थानागाजी की घटना का चुनाव के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मोदीजी जहां जा रहे हैं, वहां किसी न किसी बात पर राजस्थान के मुख्यमंत्री को लक्ष्य बनाकर आरोप लगा रहे है। लेकिन उत्तर प्रदेश में एक विधायक ने दुष्कर्म किया तब मोदीजी चुप रहे। मोदी ने थानागाजी घटना को लेकर भी जिसकी उन्हें जानकारी नहीं है लेकिन चुनाव जीतने के लिए आरोप लगाए। मगर इस घटना का चुनाव के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बल्कि पूर्व मंत्री हेमसिह भडाना ने सौदेबाजी की कोशिश की, ऐसा मीडिया में आया। हमने थानागाजी मामले में सीआई एवं एसपी को हटाया। थाने में पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया।
उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि लोकतंत्र खतरे में दिखाई दे रहा है। पीएमओ से दबाव आता है। सभी संस्थाओं को उसी प्रकार काम करना पड़ता है। जिस प्रकार के हालात चल रहे हैं। उसे देश चिंतित हैं। सब दबाव में काम कर रहे हैं। ज्यूडिशरी, सीबीआई, इनकम टैक्स तथा अन्य विभाग दबाव में काम कर रहे।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद हिसाब देने में रिजर्व बैंक को दो साल लग गए, बल्कि बैंकों के हिसाब शाम तक खत्म हो जाते हैं। शासन में सिर्फ दो लोगों की चलती है, मोदी और शाह, पीएमओ से आदेश आते हैं बस वो ही होता है। दूरदर्शन और रेडियो पर भी सरकारी गुणगान हो रहा है। नमो टीवी चल रहा है और चुनाव आयोग भी कुछ नहीं कर पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में उनकी सरकार महिला अत्याचारों से जुड़े अपराधों में गंभीर है। दलितों एवं महिलाओं सहित सभी के साथ थाने में अच्छा व्यवहार हो, यह सरकार सुनिश्चति कर रही है। महिलाओं से संबंधित मामले के लिए अलग से पद का सृजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर चार महीने में वह खुद बैठकर इन मामलों पर थानों की रिपोर्ट लेंगे और किसी को कोई तकलीफ नहीं पहुंचने दी जायेगी।
थानागाजी की घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बसपा को गहलोत सरकार से समर्थन लेने की चुनौती देने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस आशय के संकेत दिये है।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि हमारे पास सौ विधायक होने के साथ राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग एवं अनेक निर्दलीय विधायकों के साथ होने से सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि साम्प्रदायिक ताकतों के साथ लड़ाई में बसपा भी साथ है तथा वह कांग्रेस से समर्थन वापस नहीं लेगी।
सामूहिक बलात्कार की घटना से बसपा फिलहाल कांग्रेस से नाराजगी दिखा रही है लेकिन थोड़ा समय बितने के बाद इसमें बदलाव भी आ सकता है। इसके अलावा पिछला इतिहास देखे तो बसपा के छह विधायक सुप्रीमों मायावती की परवाह किये बिना पिछली गहलोत सरकार को समर्थन दे चुके है तथा यह कहानी फिर दोहराई जा सकती है। इस बार बसपा के तीन विधायक है।
केन्द्र में किस पार्टी की सरकार बनेगी, उस पर ही राज्य की भावी राजनीति निर्भर होगी।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने गाजीपुर में आयोजित चुनाव सभा में कहा था कि अलवर में एक दलित बेटी के साथ कुछ दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया, लेकिन राजस्थान में चुनाव थे। कांग्रेस सरकार और पुलिस इस मामले को छिपाने और दबाने में जुट गई। उन्होंने कहा था कि इस घटना के बाद मायावती राजस्थान में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लेती।
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