राजस्थान चुनाव: जेटली बोले- कांग्रेस का धर्म आधारित घोषणा पत्र संविधान के खिलाफ

Last Updated 27 Nov 2018 03:17:04 PM IST

केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक धार्मिक स्थलों को मुफ्त बिजली तथा अन्य सुविधायें देने के वायदे का कड़ा विरोध करते हुये कहा कि यह समाज को बांटने वाली राजनीति है।


कांग्रेस का धर्म आधारित घोषणा पत्र संविधान के खिलाफ -जेटली

जेटली ने आज यहां भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र राजस्थान गौरव संकल्प -2018 को जारी करने के अवसर पर एक पत्रकार द्वारा तेंलगाना में कांग्रेस के घोषणा पत्र में अल्प संख्यकों के लिए किये वायदों के बारे में पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह गलत है तथा भारतीय  जनता पार्टी (भाजपा) इसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार कोई भी राजनीतिक दल धार्मिक आधार पर सुविधायें देने का वादा नहीं कर सकता है  लेकिन कांग्रेस ऐसा कर समाज को बांटना चाहती है।
      
देश में  बेरोजगारी की समस्या का जिक्र करते हुये उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसे वे लोग मुद्दा बना रहे है जो लोग 70 साल सरकार में रहे और जिन्होंने  इस समस्या को पैदा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 1971 में गरीब  हटाओं का नारा दिया था लेकिन आज तक देश से गरीबी दूर नहीं की जा सकी। बल्कि गरीबों को मिटाने का प्रयास किया गया।
     
जीएसटी को लेकर कांग्रेस  द्वारा मुद्दा बनाने के बारे में जेटली ने कहा कि यह अर्थ व्यवस्था के लिए अच्छा कदम है तथा कर चोरी करने वाले पकड़ में आये है। इसके अलावा 300 से अधिक जरुरी वस्तुओं पर अनाश्यक कर भार को कम किया गया है और इनका कर का दायरा 30 प्रतिशत से घटकर 12 से 18 प्रतिशत रह गया है। आयकर रिटर्न दाखिल  करने वाले और कर चुकाने वालों की संख्या भी बढ़कर दुगनी हो गयी है।


     
राज्य  में कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किये जाने पर  जेटली ने कहा कि कांग्रेस छह छह मुख्यमंत्रियों के नाम उछाल रही है ताकि  समाज के सभी वर्ग को भ्रम में रखकर उनके वोट हासिल किये जो सके। जबकि  भाजपा समाज में सभी वर्ग का समान रुप से विकास चाहती है। 
    
इस  अवसर पर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, प्रकाश जावड़ेकर, मुख्यमंत्री  वसुंधरा राजे, भाजपा प्रवक्ता सुधांशु चतुर्वेदी और औंकार सिंह लखावत मौजूद थे।
 

 

वार्ता
जयपुर


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