अजमेर उर्स के बड़े कुल की रस्म दीवान आबेदीन ने निभाई
राजस्थान में अजमेर दरगाह दीवान की गद्दी को लेकर गत दिनों से चल रहे विवाद के बीच गुरूवार देर रात 805वें सालाना उर्स पर बड़े कुल की रस्म पर आयोजित महफिल की सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने ही की.
फाइल फोटो |
उनके छोटे भाई सैयद अलाउद्दीन अलीमी के बीच पिछले तीन दिनो से चल रहे दीवान की गद्दी को लेकर विवाद और अलाउद्दीन द्वारा स्वयं को दीवान घोषित किए जाने की घोषणा के बीच कल सालाना उर्स के मौके पर बड़े कुल की रस्म की महफिल की सदारत दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने ही की. इस दौरान किसी तरह का विवाद एवं विरोध सामने नहीं आया. इससे स्पष्ट हो गया कि कानूनन दरगाह दीवान की गद्दी जैनुअल आबेदीन के पास ही सुरक्षित है.
विवाद की आशंका को देखते हुए दरगाह थाना पुलिस ने नगर दंड नायक (शहर) के समक्ष एक इस्तगासा पेश कर विरोध करने वाले भाई अलाउद्दीन अलीमी एवं अन्य चार को पाबंद करा दिया.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगर दंड नायक ने पांचों को धारा 107 एवं 116 के तहत पाबंद कर दिया और अलीमी को उन्हीं के घर में निगरानी में रखा गया है. पाबंद किए जाने वालों में स्वयं अलीमी के अलावा काजी मुन्नवर अली, मोरूसी अमले के सचिव उस्मान घड़ियाली,जरार अहमद और गुलाम रसूल शामिल है.
गौरतलब है कि गद्दी विवाद को लेकर अलीमी ने स्वयं को दीवान घोषित करते हुए देश भर के उलेमाओ से फतवा मंगाने की घोषणा की थी जिसके विरुद्ध दीवान आबेदीन ने स्वयं के भाई को कट्टरपंथियो द्वारा भड़काने के आरोप के अलावा दीवान की गद्दी का उत्तराधिकारी अपने बेटे नसीरुद्दीन को पाकार वार्ता में घोषित किया था तथा यह भी कहा था कि उन्हें हटाने का अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट को है.
उर्स मेला शुक्रवार को विधिवत रूप से संपन्न होने जा रहा है लेकिन दोनो भाईयों के बीच आगे विवाद की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.
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