बंबई उच्च न्यायालय की मंजूरी के बाद दिवंगत भारतीय चित्रकार एम एफ हुसैन की 25 दुर्लभ पेंटिंग की 12 जून को नीलामी होगी। एक कथित ऋण चूक मामले की वजह से ये पेंटिंग नेफेड के पास थीं।

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‘एम एफ हुसैन: एक कलाकार का 20वीं सदी का दृष्टिकोण’ शीर्षक वाली इस नीलामी में ‘हुसैन ओ.पी.सी.ई. - अवर प्लेनेट कॉल्ड अर्थ’ श्रृंखला के तहत चित्रित 25 कैनवास शामिल हैं।
न्यायमूर्ति आर आई चागला की एकल पीठ ने 17 फरवरी के अपने आदेश में मुंबई के शेरिफ को 25 पेंटिंग की नीलामी करने की अनुमति दी थी, जो उद्योगपति गुरु स्वरूप श्रीवास्तव के ‘स्वरूप ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज’ के साथ 236 करोड़ रुपये के ऋण विवाद के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) के पास थीं।
यह नीलामी 12 जून को दक्षिण मुंबई स्थित हैमिल्टन हाउस में होगी।
नीलामी पूरी होने के बाद, मुंबई के शेरिफ को तीन जुलाई तक उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल करने और संबंधित कार्य सौंपने के लिए अंतिम निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है।
वर्ष 2006 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने स्वरूप समूह और श्रीवास्तव के खिलाफ नेफेड से प्राप्त 236 करोड़ रुपये के ऋण में से 150 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग की जांच शुरू की थी।
दिसंबर 2008 में एक न्यायाधिकरण ने नैफेड को हुसैन की पेंटिंग सहित 100 करोड़ रुपये की संपत्ति प्राप्त करने की अनुमति दी थी।
श्रीवास्तव 2007 में तब चर्चा में आए जब उन्होंने एम एफ हुसैन की 100 पेंटिंग्स एक-एक करोड़ रुपये में बनवाईं।
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