ममता ने उत्तर बंगाल के अधिकारियों से सीमा पार के खतरों के प्रति सतर्क रहने को कहा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के उत्तरी हिस्से में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में सीमा पार से होने वाले खतरों के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया।
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उन्होंने अधिकारियों से भारी बारिश के कारण संभावित बाढ़ के मद्देनजर भी सतर्क रहने को कहा।
उत्तरी पश्चिम बंगाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करने वाला यह क्षेत्र ‘‘अत्यधिक संवेदनशील’’ है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को खासकर राष्ट्र विरोधी तत्वों की किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश को रोकने के लिए गश्त तेज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, ‘‘भले ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) तैनात है, लेकिन राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को भी सतर्क रहना चाहिए।’’
उन्होंने अधिकारियों को गलत सूचना और फर्जी खबरों के प्रसार के खिलाफ भी आगाह किया और कहा कि किसी भी संकट के दौरान अद्यतन जानकारी केवल सरकार के माध्यम से ही प्रसारित की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर भी चिंता जताई और अधिकारियों से उचित जांच सुनिश्चित करने को कहा।
बनर्जी ने यह भी कहा कि पड़ोसी सिक्किम और भूटान में भारी बारिश के कारण अक्सर राज्य के उत्तरी जिलों में बाढ़ आ जाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने के वास्ते संयुक्त जल प्रबंधन तंत्र के लिए केंद्र से भूटान के साथ समन्वय करने का अनुरोध किया है।
बनर्जी उत्तर बंगाल के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जहां उन्होंने पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले ‘चिकन नेक’ गलियारे के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया।
‘चिकन नेक’ गलियारा को ‘सिलीगुड़ी गलियारा’ भी कहा जाता है जो पूर्वोत्तर भारत के सात राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है। इसे ‘चिकन नेक’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह मुर्गी की गर्दन की तरह संकरा है।
उन्होंने उत्तर बंगाल में विकास गतिविधियों और लंबित परियोजनाओं में तेजी लाने के बारे में भी बात की।
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