रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर पूर्व DGP के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश

Last Updated 13 Jun 2024 04:06:40 PM IST

केरल हाईकोर्ट ने अपनी पुस्तक 'निर्भयम' में रेप पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यूज के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया है।


केरल हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा," पुस्तक में भले ही पीड़िता का नाम स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया, लेकिन पीड़िता के माता-पिता, पीड़िता और उसके माता-पिता के रहने की जगह व पीड़िता ने जिस स्कूल में पढ़ाई की, उसका विवरण विस्तार से बताया गया। यह खुलासा प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 228ए के तहत दंडनीय अपराध को दर्शाता है।"

कोर्ट ने के.के. जोशुआ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व डीजीपी के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिया। इसके पहले जोशुआ ने राज्य की राजधानी में एक स्थानीय पुलिस स्टेशन और जिला पुलिस प्रमुख के पास शिकायत दर्ज कराई थी।

लेकिन केस दर्ज न किए जाने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को केस दर्ज करने का आदेश दिया।

सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, "पीड़िता को 'पीडिप्पिक्कापेट्टा पेनकुट्टी' (छेड़छाड़ की गई लड़की) के रूप में संदर्भित करने के साथ-साथ उसकी व्यक्तिगत जानकारी विस्तृत रूप से पुस्तक में बताई गई है। यह रेप पीड़िता की पहचान उजागर करती है।"

कोर्ट ने पुलिस को ललिता कुमारी फैसले के अनुपालन में एफआईआर दर्ज करने और जांच का आदेश दिया।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले मैथ्यूज को बाद में मुख्य सूचना अधिकारी नियुक्त किया गया।

आईएएनएस
कोच्चि


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