Lok Sabha Elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई : सीईसी

Last Updated 14 Mar 2024 08:20:07 AM IST

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने बुधवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में उनकी तरफ से कोई देरी नहीं हुई।


Jammu Kashmir

इसका कारण दिसंबर 2023 तक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और परिसीमन अधिनियम, 2022 के बीच विसंगति थी।

पत्रकारों से बात करते हुए सीईसी ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में कथित देरी पर एक सवाल के जवाब में 'विसंगति' का हवाला दिया।

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से से 24 सीटें आरक्षित करने के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 107 रखी गई थी। इससे 83 विधानसभा सीटें बचीं, जिनमें 7 एससी के लिए आरक्षित थीं।"

उन्होंने कहा, ''परिसीमन अधिनियम, 2022 के माध्यम से एसटी के लिए आरक्षण आवंटित करने के बाद 90 विधानसभा सीटों के साथ विधानसभा सीटों की संख्या 114 हो गई।

तब, प्रवासियों के लिए 2 सीटों के साथ एक महिला सीट और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के विस्थापितों के लिए एक नामांकन का प्रावधान था।

यह तस्वीर दिसंबर 2023 में सामने आई और इस तरह हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई।''

सीईसी ने कहा, ''लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं या अलग-अलग, इस पर राजनीतिक दलों, जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य एजेंसियों के साथ चर्चा को ध्यान में रखकर जल्द फैसला लिया जाएगा।''

उन्होंने आगे कहा, ''चुनाव आयोग तीन स्तंभों 'प्रकटीकरण, प्रकटीकरण और प्रकटीकरण' पर खड़ा है। लोगों से कुछ भी छिपा नहीं है।''

सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एजेंसियां अपने सामने आने वाली चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

चुनाव आयुक्तों की दो रिक्तियां कब भरी जाएंगी, इस सवाल पर राजीव कुमार ने कहा, "मैं इस मामले में नियुक्तिकर्ता नहीं हूं और आपने गलत व्यक्ति से सवाल पूछा है।"

आईएएनएस
जम्मू


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