Arunachap Pradesh की सीमा से सटे सभी गांव विकसित किए जाएंगे : मुख्यमंत्री

Last Updated 25 Apr 2023 09:51:18 AM IST

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Arunachal Pradesh Chief Minister Pema Khandu) ने कहा कि चीन, म्यांमार और भूटान की सीमा से सटे सभी गांवों को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ पूरी तरह से विकसित किया जाएगा।


अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन (1,080 किमी), म्यांमार (520 किमी) और भूटान (217 किमी) के साथ अरुणाचल की 1,817 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर भी काफी संख्या में गांव हैं।

उन्होंने कहा, हम राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के अभिसरण से अन्य सभी गांवों का भी विकास करेंगे।

खांडू ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार केंद्र के समर्थन और मार्गदर्शन से राज्य के प्रत्येक गांव को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की हालिया यात्रा का हवाला दिया, जो अंजॉ जिले में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय पक्ष में 'पहला' गांव है, जहां शाह ने केंद्र के महत्वाकांक्षी 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' (वीवीपी) का शुभारंभ किया। सीमावर्ती गांवों का चहुंमुखी विकास

मुख्यमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में गांवों के विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के आधार पर निर्धारित स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को प्राप्त करने के लिए नौ मापदंडों की वकालत की।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा निर्धारित नौ पैरामीटर पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों के लिए विकास परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए एक आदर्श रोडमैप प्रदान करते हैं।

नौ पैरामीटर हैं - स्वच्छ और हरित गांव, पर्याप्त पानी वाला गांव, बच्चों के अनुकूल गांव, स्वस्थ गांव, गरीबी मुक्त गांव, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा वाला गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित और सामाजिक रूप से न्यायपूर्ण गांव, सुशासन और लैंगिक समानता वाला गांव।

मुख्यमंत्री ने कहा, संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए 17 एसडीजी के अनुसार, जिनमें से 15 अरुणाचल प्रदेश के लिए प्रासंगिक हैं, राज्य सरकार इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वार्षिक बजट तैयार कर रही है। इसी तरह, पीआरआई अब निर्धारित इन नौ मापदंडों को प्राप्त करने की योजना बना सकती हैं।

पंचायती राज संस्थाओं को गत वर्ष 123 करोड़ रुपये दिए जाने की जानकारी देते हुए खांडू ने कहा कि इस वर्ष के बजट (2023-24) में पंचायती राज कोष को बढ़ाकर 143 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि वित्त आयोग के अनुदान के अलावा राज्य के अपने संसाधनों का 10 प्रतिशत पंचायती राज संस्थाओं को दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, वास्तव में राज्य सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। चीजें अच्छी तरह से आगे नहीं बढ़ रही हैं, क्योंकि योजना प्रणाली अभी तक सही नहीं है।

खांडू ने विभिन्न विभागों को शामिल करने वाली समान योजनाओं और कार्यक्रमों को एक में मिलाने और उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने के अपने सुझाव को दोहराया।

आईएएनएस
ईटानगर


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