रैलियों की अनुमति देने में पुलिस नहीं कर सकती पक्षपात : कलकत्ता हाईकोर्ट

Last Updated 17 Mar 2023 04:30:50 PM IST

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों की रैलियों को अनुमति देते समय पक्षपात नहीं कर सकती।


कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने यह भी फैसला सुनाया कि अब से सभी राजनीतिक दल स्थानीय पुलिस स्टेशन से अनुमति लेने के बजाय संबंधित पुलिस आयुक्तों या संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों से अनुमति ले सकते हैं।

सीपीआई (एम) और ऑल इंडिया सेक्युलर द्वारा संयुक्त रैली को पुलिस की अनुमति से इनकार करने की शिकायत पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर एक मामले में जस्टिस मंथा ने कहा, मुझे उम्मीद है कि पुलिस राजनीतिक दलों में बिना किसी भेदभाव के रैलियों की अनुमति देने में निष्पक्ष ²ष्टिकोण अपनाएगी।

न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि हाल ही में राजनीतिक रैलियों और कार्यक्रमों को आयोजित करने की अनुमति देने के लिए पुलिस के खिलाफ शिकायतों के साथ अदालत में कई मामले दायर किए गए थे। न्यायमूर्ति मंथा ने कहा, ऐसा लगता है कि इस संबंध में कुछ विशिष्ट मानदंडों को प्रारूपित करने की आवश्यकता है।

उन्होंने आयुक्तालयों और जिला पुलिस अधीक्षकों के कार्यालयों में रैलियों की अनुमति के लिए आवेदनों के संबंध में एक विशिष्ट प्रारूप की रूपरेखा भी तैयार की, इसके अलावा इस संबंध में पुलिस अधिकारियों के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए।

न्यायमूर्ति मंथा के अनुसार, संबंधित पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग आवेदनों को अलग-अलग दर्ज करना चाहिए और साथ ही आवेदन की स्थिति को अपनी-अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आवेदन को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लेने की सलाह दी जाती है, जिसका अर्थ है कि पहले आवेदन करने वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति मंथा ने कहा, इस मामले में किसी तरह की असमानता नहीं होनी चाहिए।

आईएएनएस
कोलकाता


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