भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर राहुल गांधी बोले- कश्मीर के लोगों ने मुझे ग्रेनेड नहीं, प्यार दिया

Last Updated 30 Jan 2023 03:11:30 PM IST

भारी बर्फबारी के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पिछले चार महीने से चल रही भारत जोड़ो यात्रा का जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सोमवार को समापन किया गया।


कश्मीर के लोगों ने मुझे ग्रेनेड नहीं, प्यार दिया: राहुल

135 दिनों तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा सोमवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में ध्वजारोहण समारोह और सोनवार इलाके में शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित एक सार्वजनिक रैली के साथ संपन्न हुई। लगातार हो रही बर्फबारी के बावजूद नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय वरिष्ठ नेताओं की रैली में भाग लिया।

रैली को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी संबोधित किया।

रैली में बोलते हुए, राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें चेतावनी दी गई थी कि कश्मीर में उन पर हमला किया जा सकता है, लेकिन यहां के लोगों ने हैंड ग्रैनेड नहीं, बल्कि खुले दिन से प्यार दिया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य जम्मू-कश्मीर में इस तरह नहीं चल सकते, क्योंकि वे डरे हुए हैं।

उन्होंने उन पलों को याद किया जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे।

उन्होंने कहा, "जो लोग हिंसा भड़काते हैं - जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, भाजपा और आरएसएस - वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे। सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है।’’

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी ‘‘यात्रा का मकसद अपने प्रियजनों की मौत की खबर देने वाले फोन कॉल को समाप्त करना है - चाहे वह कोई सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या कोई कश्मीरी हो।"

कांग्रेस नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को उनकी तरह जम्मू-कश्मीर में यात्रा करने की चुनौती देते हुए कहा कि वे लोग कभी भी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे भयभीत हैं। उन्होंने कहा, "मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि भाजपा का कोई भी नेता जम्मू-कश्मीर में इस तरह पैदल नहीं चल सकता। वे ऐसा नहीं करेंगे, इसलिए नहीं कि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी, बल्कि इसलिए कि वे भयभीत हैं।"

उन्होंने इस अवसर पर एक पारंपरिक कश्मीरी फिरन पहना हुआ था।

उन्होंने कहा, मैंने अपने लिए या कांग्रेस के लिए यात्रा नहीं की, उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा है जो देश की नींव को नष्ट करना चाहती है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें जम्मू-कश्मीर की धरती पर पैदल नहीं चलने की सलाह दी गई थी क्योंकि उन पर हमला हो सकता है। उन्होंने कहा, "मैंने इस पर विचार किया और फिर फैसला किया कि मैं अपने घर और अपने लोगों (जम्मू-कश्मीर में) के साथ चलूंगा। क्यों नहीं उन्हें (उनके दुश्मनों को) मेरी शर्ट का रंग बदलने का मौका दिया जाना चाहिए, उन्हें इसे लाल करने दें।"

उन्होंने कहा, "कश्मीर के लोगों ने मुझे हथगोले नहीं दिए, सिर्फ प्यार भरा दिल दिया।’’


कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के एक दर्जन से अधिक नेता रैली में शामिल होने वाले है, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने और हवाई यातायात बाधित होने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके।

समारोह के लिए कुल 21 पार्टियों को आमंत्रित किया गया था। तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीडीपी उन दलों में शामिल हैं जो समारोह में शामिल नहीं हो सके।

पदयात्रा रविवार को लाल चौक इलाके में राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ संपन्न हुई, लेकिन आधिकारिक समापन सोमवार को हुआ।

कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा 7 सितंबर को देश के दक्षिणी छोर से शुरू हुई और 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 3,970 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुई।

यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 100 से अधिक कॉर्नर मीटिंग और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
 

आईएएनएस/ भाषा
श्रीनगर


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