श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंशधारकों के खाते में 8.25 प्रतिशत ब्याज जमा करने की प्रक्रिया इस सप्ताह पूरी कर लेगा।

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भविष्य निधि पर देय ब्याज दर की केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद हर साल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों के खातों में ब्याज राशि को जमा करता है।
मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस वर्ष कुल 33.56 करोड़ सदस्यों वाले 13.88 लाख प्रतिष्ठानों के लिए वार्षिक भविष्य निधि (पीएफ) खातों को अद्यतन किया जाना था। इनमें से आठ जुलाई तक 13.86 लाख प्रतिष्ठानों के 32.39 करोड़ सदस्यों के खातों में ब्याज जमा किया जा चुका है।
इसका मतलब है कि करीब 99.9 प्रतिशत प्रतिष्ठानों और 96.51 प्रतिशत सदस्यों के पीएफ खातों को सालाना अद्यतन करने का काम पूरा हो चुका है।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ खाते में जमा राशि पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 22 मई, 2025 को इस दर को मंजूरी दी थी।
मांडविया ने कहा कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ईपीएफओ ने ब्याज राशि को पीएफ खातों में डालने का काम छह जून, 2025 की रात से शुरू कर दिया था।
श्रम मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सदस्यों के खातों में ब्याज जमा करने की प्रक्रिया अगस्त में शुरू हुई थी, जो दिसंबर में पूरी हुई थी।
उन्होंने बताया कि प्रक्रिया को अब तेजी से प्रसंस्करण के लिए अनुकूलित किया गया है, जिसके कारण इस प्रक्रिया का अधिकांश हिस्सा जून में ही पूरा हो गया है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि बचे हुए प्रतिष्ठानों के संबंध में वार्षिक खाते भी इस सप्ताह के भीतर अद्यतन हो जाएंगे।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर 8.25 प्रतिशत की ब्याज दर बरकरार रखने का 28 फरवरी को फैसला किया था। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेजा गया था। यह वित्त वर्ष 2023-24 की ब्याज दर के समान ही है।
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